________________ 1140 गणः धातुः गणः पृष्ठम् 532 भ्वा० चुरा० कथ क्रथ धातुः कूज कूट कृरिण कूटिण कूणि कूल कंग 499 582 581 580 भ्वा० चुरा० भ्वा० 504 581 भ्वा० 509 चुरा० भ्वा० 579 532 507 कृग्द स्वा० तुदा० 522 558 566 ऋद्रु क्रदुङ् क्रन्द क्रपि क्रमू क्रीण क्रीड क्रुश्च क्रुधंच क्रुशं :: त्र्या० भ्वा० 562 501 498 552 568 दिवा० म रुधा० भ्वा० चुरा० कृपण 528 भ्वा० भ्वा० कृपण 182 क्रुथ 532 560 504 532 दिवा० कृशच कृष कृषीत् 552 क्लंदौच स्वा० दिवा० भ्वा० तुदा० क्रया 800 क्लमूच भ्वा० 504 573 572 कृगश कृणि क्लिदु क्लिदुङ् क्लिशिन् दिवा० चुरा० तुदा० 556 573 क्लिशौच क्लीवृङ क्लेशि क्रया० भ्वा० चुरा० 576 कृतम् केतण केपृय " कर्ण भ्वा० कण्ड्वा० भ्वा० भ्वा० केला 520 502 527 510 531 कथे क्वेल क्षमुङ् क्षण केवृद्ध 520 चुरा० तना० चुरा० 495 532 552 कथ 582 कसूच क्नूगश दिवा क्रया० क्षपुणे क्षमौच् क्षमौषि फ्नयैङ् दिवा भ्वा० भ्वा० कमर 509 528