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________________ पज्जमूढा हि परसमया 163 18. वही 19. वही, (समयसार टीका, गाथा 2) 20. वही, (प्रवचनसार टीका, गाथा 93) 21. आचार्य अमृतचन्द्र, (प्रवचनसार टीका, गाथा 93) 22. वही 23. प्रवचनसार टीका, गाथा 94 (आचार्य अमृतचन्द्र) 24. प्रवचनसार, गाथा 94 का भावार्थ 25. षद्रव्यात्मकलोकाद् ज्ञेयाद् व्यक्तादन्यत्वात् / कषायचक्रद्भावकाव्यक्तत्वादन्यत्वात् / चित्सामान्य निमग्न समस्त व्यक्तित्वात् क्षणिकव्यक्तिमात्राभावात् / व्यक्ताव्यक्तविमिश्रितप्रतिभासेऽपि व्यक्तास्पर्शत्वात् / स्वयमेव हि बहिरंतः स्फुटमनुभूयमानत्वेऽपि व्यक्तोपेक्षणेन प्रद्योतमानत्वात् चाव्यक्तः / (- आचार्य अमृतचन्द्र, समयसार आत्मख्याति टीका, गाथा 49) 26. आचार्य जयसेन (प्रवचनसार टीका, गाथा 94) 27. स्वभावपर्याय और विभाव पर्याय - (नियमसार, गाथा 15, 28, द्रव्यस्वभाव प्रकाशक नयचक्र, गाथा 17-25, 29-34, परमात्मप्रकाश टीका, गाथा 57, पंचास्तिकाय, तात्पर्यवृत्ति टीका, गाथा 5, 16, आलाप पद्धति नयचक्र परिशिष्ट, पृ०२११) 28. कारणशुद्धपर्याय और कार्य शुद्ध पर्याय (- नियमसार टीका, गाथा 15) (मुनिराज पद्मप्रभमलधारिदेव) 29. नियमसार, गाथा 15, 28 (मूल एवं टीका) आचार्य कुन्दकुन्द एवं मुनिराज पद्मप्रभमलधारिदेव) 30. प्रवचनसार टीका, गाथा 93 (आचार्य अमृतचन्द्र) एवं पंचास्तिकाय टीका, गाथा 16 (आचार्य जयसेन) 31. प्रवचनसार, गाथा 83 (आचार्य कुन्दकुन्द) 32. प्रवचनसार तत्त्वप्रदीपिका टीका, गाथा 83 (आचार्य अमृतचन्द्र) 33. परमात्मप्रकाश, दोहा 77 (मुनिराज योगीन्द) 34. मोक्षपाहुड, (अष्टपाहु/षट्पाहुड) गाथा 15 (आचार्य कुन्दकुन्द) 35. वही, गाथा 16 36. समयसार आत्मख्याति टीका, गाथा 49 (आचार्य अमृतचन्द्र) 37. तत्त्वार्थसूत्र, अध्याय 2, सूत्र 8 (आचार्य उमास्वामी) 38. अट्ठचदुणाणदेसण सामण्णं जीवलक्खणं भणियं / (- द्रव्यसंग्रह गाथा 6, आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदे अरसमरूपमगंधं अव्यक्तं चेदणागुणमसदं / 39. जाण अलिंगग्गहणं जीवमणिदिसंठाणं // (- समयसार गाथा 49, आचार्य कुन्दकुन्द) (- भावपाहुड गाथा 64 (अष्टपाहुड), प्रवचनसार, गाथा 172, नियमसार गाथा 46, पं०का० 127
SR No.032766
Book TitleJain Dharm me Paryaya Ki Avdharna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Bhatt, Jitendra B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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