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________________ निघण्टुशेषस्य शुद्धिपत्रम् / -केयम्। . 110 112 चित्र 114 115 121 -सूत्रणे 131 142 147 147 119 159 161 -केयम्पृष्णिपर्णी पृष्णिपा चित्रों वर्ग 5 वर्ग 1 कर -सूत्रेण गो "गौवलिन द्वोपि- वलिन-द्विपिसितः सितैः वर्ग 2 वर्ग 1 -भृच्चि -भिच्चि दीपमूला दीर्घमूला -वर्णाऽधरा -वर्णा घराद्वीपशत्रु द्विपिशत्रुनाम्ना(?)रास्ना नाम्ना कपिकच्छूरात्म- कपिकच्छवामात्मचन्द्री त्वैन्द्री वान्तो बान्तो [धन्व०वर्ग२ लो०३] . काञ्चनी क्षीरी काञ्चनक्षीरी पद्यनालं पद्ममालं शेवलं शेवालं शैवल शेवलं कणाऽऽख्याता कणा ख्याता कुञ्चिका ञ्चिका श्रीवराकः(श्रीवारकः)। श्रीवारकः 163 168 169 175 180 181 " 183 183 191 'लबुड् लबुङ् वर्ग वर्ग२ तुण्डी तुण्डा -कटुम्बके 194 197 197 198 199 202 205 215 216 सारीवानी रजो इक्षुकाण्डः इत्याहः कुटुम्बके सारी वानीरजो इषुः काण्डः इत्याह नि० उमाय न. उमा तु
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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