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________________ 310 तृतीयं परिशिष्टम् / 'उपलरेठ-कुष्ठ पाकल राम वानीर वाप्य [बाष्प पु० ] उत्पल वानीरज पारिभव्य [ पारि __ भद्र पु० पारिभाव्य नि० ] कौरव्य [ कौरव पु० नि० ] व्याधिनामक 230 / वाल-बालक जलाख्य [ नीर वारि टी * ] केशाख्य [ केश टी. ] बहिष्ठ दीर्घरोमक हीबेर उदीच्य वज्र [वक्त्र पु०] पिङ्ग आचमन कच [ रुच पु० नि० ] 231 / शढि-शटी [ शढी पु० नि० ] पलाश षड्ग्रन्था गन्धोली [ गन्धाली नि० ] हिमजा वधू कडूंर [ कबुर नि० ] सुव्रता गन्धभूली पृथुपलाशिका [ पृथुपलासिका पु० पृथुफलाशिका नि. ] 232 / *एलीयउ-एलावालुक [ एलुवालक पु० ] ऐटेय वालक हरिवालुक सुगन्धि आलुक एल्वाल [ आलूक एल्वाल पु० नि० ] दुवर्ण प्रसर [ दुर्वार पु• दुर्वर्णप्रसर नि० ] दृढ़ 233 / 'केसर-कुंकुम-कुङ्कुम रक्तपर्याय सङ्कोचपिशुन [ सङ्कोच पिशुन पु० टी० ] वर [ शक पु० शुकं नि०] धीर [ हीर पु. नि.] कुसुम्भ घुसूण पीत वाल्हीक [वाल्हिक टी.] पीतन 234 कश्मीरज वह्विशिख वर्ण [ वर पु० ] लोहितचन्दन / जाई-जाति रजनि [ रजनी पु० नि० ] पुष्पा मालती तैलभाविनी 235 प्रियंवदा हृद्यः गन्धा मनोज्ञा सुमना लता / जातिकलिका-पत्री सौमनसायनी [ सौमनसायिनी पु० ] 236 / "जाइफल-जातीकल [जातिफल टी.] जातिकोश [ जाति टी. ] शालूक मालतीफल मज्जसार ___जातिसूत [ जात्यमृत पु. नि० ] शौण्ड सौमनस पुट 237 / 'जूही-यूधिका बालपुष्पी [बालपुष्पा नि० बालुपुष्पी पु.] मागधी गन्धयूथिका [शङ्खयूथिका ___ पु. नि०] गुणोज्ज्वला पुण्यगन्धा चारुमोटा शिखण्डिनी 238 अम्बष्ठा गणिका / पीतयूथिका-हेमपुष्पिका / कुन्द-कुन्दम् [कुन्दः टी.] माध्य सदापुष्पी [सदापुष्प नि०] मकरन्द मनोहर 239 अट्टहास भृङ्गमित्र शाल्योदनोपम [ शाल्योदन यमश्वस नि०] / नीमाली-नवमालिका नेमाली [नेवाली पु. मोमाली नि०] वनमालिनी [नवमालिनी नि०] 240 सप्तला सुकुमारा अतिसुरभि शशिगन्धिका [ सत्सला सुकुराराति सुरति शिशु गन्धिका पु. नि.] कान्ता विभावरी ग्रीष्मा प्रेष्मिका शिखरिणी 241 / "केवडी-मल्लिका शीतभीरु मदयन्तो प्रमोदनी [प्रमोदिनी पु.] अष्टापदी तृणशूल्य गवाक्षी [गवाक्षा नि०] भूपदी 212 / मल्लिकाविशेष-वार्षिकी षट्पदानन्दा[षट्पदानन्दी नि०] श्रीमती सुभगा प्रिया सुवर्षा त्रिपुटा व्यस्रा ___मुरूपा [ व्यस्रसुरूपा नि० ] मुक्तबन्धनी [ मुक्तबन्धना पु० नि० ] 243 / / "सेवंत्री-कुमारी कर्णिका चारुकेसरा [ वर्णिचारु केसरा नि० चारुकेशरा पु० ] भृङ्गसम्मता तरणी रामतरणी [ रामतरणि नि०] गन्धाढ्या कन्यका [ कुमारी टी० ] सहा 244 / 1. (1) उपलेट (2) कठ / / 2. बालक // 3. शठकचूरो / 1. एळीयो // 5. केसर / 6. जाई / / 7. जायफळ 8. जुई // 9. जेवरी // 10. // मोगरो / / 11. (1) कुंवरपाठं (2) लाबु (दक्षिणगुर्जरे ) //
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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