________________ 308 तृतीयं परिशिष्टम् / गोखरू'-गोक्षुर स्थलशृङ्गाट [ स्थलशृङ्गाल नि० ] बनशङ्गाट गोखुर [ कोखुर पु० ] 199 कण्टिन् षडङ्ग [ षडगिन् नि० ] गोकण्ट त्रिकण्ट त्रिककण्टक [ त्रिकट त्रिक पु० त्रिकस्त्रिक नि० ] इक्षुगन्धा व्यालद'ट्र श्वदंष्ट्रः [ स्वदंष्ट्रा पु० स्वदंष्ट्र नि० ] स्वादुकण्टक 200 पलङ्कषा कण्टफल षडन्त भूक्षुर [ तुक्षुर नि० ] क्षुर / दांती-दन्ती शीघ्रा उपशल्या उपचित्रा [ विशल्या चित्रा नि० ] उदुम्बरपर्णिका 201 मकुलक रामदूती निकुम्भ घुणवल्लभा / 'नागदन्ती-दन्तीविशेष-नागदन्ती हस्तिदन्ती वारुणी गजचिर्भिटी [ चिर्भिटी नि०] 202 मृगादनी मृगेरु मृगाक्षी गजस्फुटा [ भुजगस्फटा पु. नि. ] श्वेतपुष्पी मधुपुष्पी पर्वपुत्री विषौषधी [ श्वेतपुष्पा मधुपुष्पा पर्वपुष्पा विषौषधिः नि० पर्वपुष्पी पु०) आझाझाडा-अपामार्ग अध:शल्या [ अधःशल्यी पु० अधःशल्यः नि० ] किणिही खर मञ्जरी धामार्गव [ अधामार्गव टी० ] शैखरिक वशिर कपिपिप्पली 204 कपिवल्ली मर्कटिका शिखरिन् आघाट दुर्ग्रह प्रत्यक्पुष्पी [ प्रत्यकपर्णी टी० ] पत्रपुष्पी केशवल्ली [ केशपर्णी टी. ] मयूरक 205 / "सुंठि-आर्द्रक शृङ्गबेर कटुभङ्ग कटकट शुण्ठी महौषध विश्वा नागर विश्वभेषज 206 / "साटहडा-पुनर्नवा वृश्ची [ वृश्चीव पु० वृश्वीर नि० ] दीर्घपत्रः [ दीर्घपत्रा नि० ] शिला टकः [ शिलाटिका नि० शिलारिका पु० ] विशाख क्षुद्रवर्षाभू कटिल्ल प्रावृषा. यणी 207 शोफनी / 'साटहडी-क्रूरा मण्डलपत्रक [ करमण्डलपत्रक नि० ] श्वेतमूला महावर्षाभू वर्षा केतु [ वर्षः केतु नि० वर्षः केतु पु० ] 208 / "मालकांगुणी-ज्योतिष्मती स्वर्णलता दुर्मदा [ दुर्मना पु० कङ्गुनी नि० ] लवणा अग्निभा पारावतपदी पण्या ज्योतिष्का कटभी 201 / माषवनी-माषपर्णी आर्द्रमाषा मांसमाषा [ सूर्यपी पाण्डु नि० ] महासहा अश्वपुच्छी [ अश्व. पुच्छा पु० नि० ] सिंहवृन्ता [ सिंहवृत्ता पु० ] काम्बोजी कृष्णवृन्तिका 210 / मुदगवनी-मुद्गपर्णी का मुद्रा [ काकमुद्गा पु० नि. ] :वर्णा [ वन्या मि. पर्णी पु० ] मार्जारगन्धिका शिम्बी [ शिवा नि० 1 क्षुद्रसहा ह्रासा [ ह्रासी पु० नि. ] रङ्गणी [ रिङ्गिणी पु० ] शूर्पपर्णिका [ सूर्पपणिका पु० सूर्यपर्णिका नि० ] 211 'भृआमली-म्यामलकी आमला [ अमला पु० नि० ] बहुपत्री [ बहुपुत्री पु० बहुपुत्रा नि०] वितुन्नक तामलकी अज्झटा अज्झाटा [ उत्कटा झाटा पु० उज्झटा नि० ] तालिका [ ज्ञायतालिका नि०] तमालिनी [ तुन्नमालिनी पु० नुन्नमालिनी नि० ] 212 / 'हलद-हरिद्रा वर्णवती काञ्चनी वरवर्णिनी निशाख्या रजनि [ रजनी पु० नि० ] गौरी पीतिका मेहघातिनी 213 वेश्या विटप्रिया पिङ्गा [ पिण्डा पु० पु१ पीता नि० ] हरिता तरङ्गिणी [ हटविलासना ] / 1. गोखरू / / 2. घणसार ( महाराष्ट्र ) // 3. (1) अघेटो (2) झींझेटो // 1. सुंठ // 5. साटोडो॥ 6. साटोडी // 7. मालकांगणी // 8. मुंइआंबली // 9 हळदर //