________________ : सूचलि पु. vr0 :: :: :: :: :: 238 द्वितीयं पारशिष्टम् / / शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः अश्वकर्ण पुं सागु 101 आटरूष पुं० अरडूसा 159 अन्वखुर . " श्वेतगिरणई 308 आढकी तूंअरि 393 अश्वगन्धा स्त्री. भासगंधि 190 . आत्मगुप्ता कउंछि 300 अश्वघ्न पुं० श्वेतकणयर २९टी. आत्मरक्षा इन्द्रवारुणीमेद 311 अश्वघ्ना तेजवती २७७पा० आदित्यवल्लभा अश्वनी 277 आदित्यवल्ली " 346 अश्वत्थ पुं० पीपल आपीता तुलछी 223 अश्वत्थफला स्त्री० हयुषाविशेष 270 आमण्ड एरंड 153 अश्वपुच्छा " माषवनी २१०पा० आमपुष्पी स्त्री० मेषशङ्गी १९२पा. अवपुच्छी " " 210 आमलकी आमला अश्वमारक पुं० श्वेतकणयर 29 आमला स्त्री. भूइंआमली 212 अवमूत्री स्त्री० सालरि 151 आमिषी 281 अवरोध पुं० श्वेतकणवीर २९पा० आम्र पुं० आंबउ 121 अवरोह " श्वेतकणयर 29 आनातक अंबाडो अश्ववल्लभा स्त्री० विदारि 196 / आयतफला स्त्री० खेजडी अस्वहन् पुं० वेतकणयर २९टी. आयसीश्वरा " अवासी २७७पा० अन्वावरोहक " आसगंधि 190 आरग्वध पुं० किरमालउ असद्य अर्जुन १०३पा. आरण्यनलक " 375 असन बीअउ 100 आराम थूणीयउ 169 असिपत्र, पुं० थोहरी आरेवत किरमालट 98 असिपुत्र " " ९पा. पारापत 141 असुरी स्त्री. राई ३९९टी. आरोग्य 10 किरमालउ ९९पा. शिबिका। अमरिकारिपु पुं० वरुणा १३२पा० अापदी स्त्री० . केवडा 203 शिम्बिका। अहिमार पुं० अरंजु आत्तंगल पुं० कंटासेलउ 247 अंशुमती सावनील 274 आर्द्रक पुं०न० ठि 206 अंशुमत्फला केलि 161 आर्द्रमाषा स्त्री० माषवनी 210 अंहिपर्णी पीठवनी 199 आर्षभी स्त्री० कउंछि ३०१पा. आ आलक न० एलीयउ 233 आनुपर्णी - स्त्री. उंदिरकनी 326 २३३पा० आखुविष आवतक्या स्त्री० भाडंगि 275 देवदाली 320 घातिनी आविग्न पुन करमदा भाघाट पुं० आझाझाडा 205 आविघ्न " ५१पा. भाचमन वालउ 231 आवेगिन् वृद्धारा 344 आजि कालुंबरी आशु " वीहि 386 आजी आसुरी स्त्री राई ३९९पा. 73 नलु न. आरोग्य- , to आलुक " : :