________________ अ 81 88 द्वितीयं परिशिष्टम् / हेमचन्द्रीयनिघण्टुशेषान्तर्गतानां शब्दानां तल्लिङ्ग-तदर्थनिर्देशपूर्वकमकारादिवर्ण क्रमेणानुक्रमणिका। शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोकः शब्द लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः अग्निसंज्ञ पुं० भोलामा 135 अक्ष पुं० बहेडा अग्रज महाखजूरी 178 अक्षकर्ष ८२टी. अकोठ आंकुलु 133 अक्षफल पुत्रजीव 143 अकोल्लक अक्षिपीडा स्त्री. जवासी 276 अङ्गवन्दना स्त्री० कृष्णगिरणई ३०९पा. अक्षिपीलु पुं० बकायणि 138 अङ्गारक भांगरउ 347 अक्षिस्पन्द पुं० कउठो 61 अङ्गारकी स्त्री० भांगरउ ३४७पा. अक्षिस्यन्द पुं० ., ६१पा. अङ्गारवर्णा , सीसम अक्षीब शिरघू अङ्गारवल्लिका , भाडगि 274 अक्षीव अङ्गारवल्ली करंजविशेष 146 अक्षोट अखोड 140 अङ्गारुक पुं. भांगरउ ३४७पा. अगदी स्त्री. महापत्र १०७पा० अगुल न. बालतृण अगर पुं० न० अगर 21 अघ्रिसानुजा स्त्री० त्रायमाण २२५पा. अगस्त्य पुं. अगथियउ 28 अजप्रिया स्त्री . खेजडी अगादी स्त्री० महापत्र १०७पा० अजमोदा अजमोद 256 अगुरु पुं० न. अगर 21 अजशृङ्गी मोढासिंगी 191 सीसमविशेष 69 अजहा कउंछि अगूढगन्ध न. हिगु अजाजी . श्वेतजीरा अग्निक पुं० तुम्बुरु 160 अजाण्डी वृद्धारा 345 अग्निपादप खेजडी अज्झटा भूइंआमली अग्निपुष्पिका स्त्री० धाहुडी 150 अझाटा अग्निभा मालकांगुणी 209 अञ्जनकेशी नलिका 37 अग्निमन्थ पुं. अरणी अञ्जलिकारिका , खयरी 286 अग्निमुखी स्त्री० भीलामा 135 अट्टहास पुं० 210 राडागारी 317 अतसी अलसी 397 अग्निशिख न. कुसुंभउ 273 अतिगुहा सावनील 274 अग्निशिखा स्त्री० राडागारी ३१७पा. अतिच्छत्र गन्धतृण 370 72 300 कुंद