________________ ( 74 ) सागर के तीन पुत्र-१ बोहित्थ 2 गंगादास 3 जयसिंह भाबु का राज बोहित्य को मिला वि० सं० 1197 में जिनदत्तसूरि ने बोहित्य को उपदेश दिया बोहित्थ ने एक श्रीकर्ण नामक पुत्र को राज के लिये छोड़ दिया शेष पुत्रों के साथ आप जैन बन गया जिसका बोत्थरा गौत्र स्थापन किया इतना ही क्यों पर जिनदत्त सूरि ने तो यहाँ तक कह दिया कि तुम खरतरों को मानोगे तब तक तुम्हारा उदय होगा इत्यादि / ___ कसोटी-बोहित्थ का समय वि० सं० 1197 का है तब इसके पिता सागर का समय 1170 का होगा। चित्तौड़ का राणां रत्नसिंह सागर को अपनी मदद में बुलाता है अब पहला तो चित्तौड़ के राणा रत्नसिंह का समय को देखना है कि वह सागर के समय जितोड़ पर राज करता था या किसी अन्य गति में था। चित्तौड़ राणाओं का इतिहास में रत्नसिंह नाम के दो राजा हुए (1) वि० सं० 1359 ( दरीबे का शिला लेख) दूसरा वि० सं० 1584 में तख्त निशीन हुआ जब सागर का समय वि० सं० 1170 का कहा जाता है. समझ में नहीं आता है कि 1170 में रांणा सागर हुआ और 1359 में रत्नसिंह हुआ तो रत्नसिंह सागर की मदद के लिये किस भव में बुलाया होगा ? अब वि०सं० 1170 के आस पास चित्तौड़ के रांणों की वंशावली भी देख लीजिये / ___ चितोड़ के राणा | आबु का सागर के समय वैरिसिंह वि० सं० 1143 / चित्तौड़ पर कोई रत्नसिंह नाम विजयसिंह ,, ,, 1164 का राणा हुआ ही नहीं है यतिजी अरिसिंह , , 1184 | ने यह एक बिना शिर पैर की चौड़सिंह , ,, 1195 | गप्प ही मारी है।