________________ अध्याय-९ // 9 // आस्त्रवनिरोधः संवरः // 1 // स गुप्तिसमितिधर्मानुप्रेक्षापरीषहजयचारित्रैः // 2 // तपसा निर्जरा च // 3 // सम्यगयोगनिग्रहो समितयः // 5 // उत्तमः क्षमामार्दवार्जवशौचसत्यसंयमतपरत्यागाकिश्चन्यब्रह्मचर्याणि धर्मः // 6 // // 6 // अनित्याशरणसंसारकत्वान्यत्वाशुचित्वास्रवसंवरनिर्जरालोकबोधिदुर्लभधर्मस्वाख्याततत्त्वानुचिन्तनमनुप्रेक्षाः // 7 // मार्गाच्यवननिर्जराथें परिषोढव्याः परीषहाः // 8 // क्षत्पिपासाशीतोष्णदंशमशकनारन्यारतिस्त्रीचर्यानिषद्याशय्याऽऽक्रोशवधयाचनालाभरोगतृणस्पर्शमलसत्कारपुरस्कारप्रज्ञाऽ रागयोश्चतुर्दश // 10 // एकादश जिने // 11 // बादरसम्पराये सर्वे // 12 // ज्ञानावरणे प्रज्ञाऽज्ञाने // 13 // दर्शनमोहान्तराययोरदर्शनालाभौ // 14 // चारित्रमोहे नागन्यारतिस्त्रीनिषद्याऽऽक्रोशयाचनास