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________________ ६८ महावीर की साधना का रहस्य क्या कोई अन्तर है ? मैं समझता हूं कि परिणाम में कोई अन्तर नहीं आएगा । इस संदर्भ में मुझे कुछ बातें आपके सामने प्रस्तुत करनी हैं । श्वास उत्तेजित क्यों होता है ? श्वास शान्त कैसे होता है ? उत्तेजित होने के साधना क्या हैं ? हेतु क्या है ? और श्वास के शान्त और संयत होने के साधन क्या हैं ? एक ही बात दो भाषा की पद्धतियों में रख दी गयी । हमें देखने में वे अलग-अलग लगती हैं किन्तु वस्तुतः वे अलग नहीं हैं । श्वास शान्त और स्वाभाविक, चित्त प्रसन्न । चाहे मैं उलटकर यह कह दूं, चित्त शान्त और प्रसन्न, श्वास शांत और स्वाभाविक । महावीर ने कहा — उपवास करो । आप जानते हैं कि उपवास करते ही श्वास शांत हो जाता है । श्वास की उत्तेजना के कुछ कारण होते हैं । हम तेज श्वास क्यों लेते हैं ? स्वाभाविक गति से एक मिनट में पन्द्रह-सोलह श्वास होते हैं । अब एक व्यक्ति पहाड़ की चढ़ाई करता है, वह अधिक श्वास क्यों लेता है ? श्रम के कारण लेता है । यह बहुत स्थूल बात है । चढ़ाई का प्रयत्न करता है, उस समय उसे अतिरिक्त शक्ति लगानी पड़ती है । अतिरिक्त शक्ति लगाने के कारण उसे ऑक्सीजन की मात्रा अधिक अपेक्षित होती है, कार्बन डाई ऑक्साइड को निकालने के लिए अधिक श्रम करना पड़ता है । होता यह है कि प्रवृत्ति बढ़ते ही कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है, और ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है । तब फेफड़े को यह जरूरत होती है। कि ऑक्सीजन तो अधिक ले और कार्बन डाई ऑक्साइड को निकाले, उसका श्वास अपने आप ही तेज हो जाता है । आप सोचते होंगे कि वह मूल बात यह है कि वह एक व्यक्ति आवेश की स्थिति में आता है । चिन्ता, भय, क्रोध और वासना के आवेश जैसे ही मन में उतरते हैं, श्वास तेज हो जाता है । कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है । श्वास अपने आप तेज हो जाता है । अधिक सर्दी और अधिक गर्मी में भी हमारा श्वास तेज हो जाता है । शरीर में बुखार आ जाता है और श्वास की गति तीव्र हो जाती है । जिस व्यक्ति को टाइफाइड होता है, श्वास की गति बहुत तेज हो जाती है । इसका कारण क्या है ? जिस व्यक्ति को टाइफाइड होता है उसके फेफड़े निकम्मे हो जाते हैं । काम करना बन्द कर देते हैं। फेफड़े का कुछ ही भाग ऐसा होता है जो काम करने में समर्थ होता है इसलिए उसे अतिरिक्त काम करना पड़ता है और अधिक श्रम करके श्वास को लेना होता है; श्वास की गति तेज हो जाती है । आप उपवास कीजिए, श्वास की गति मन्द हो जाएगी । हल्का आहार कीजिए, श्वास की गति मंद हो जाएगी । तो उपवास
SR No.032716
Book TitleMahavir Ki Sadhna ka Rahasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragya Acharya, Dulahrajmuni
PublisherTulsi Adhyatma Nidam Prakashan
Publication Year1985
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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