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महावीर की साधना का रहस्य
चेतना प्रकट होती है वह केवल वर्तमान को पकड़ती है, वर्तमान को जानती है । आंख के सामने कोई रूप आया, आंख ने देख लिया । उसका काम समाप्त हो गया। आगे क्या है, पीछे क्या है, उसका कोई सम्बन्ध नहीं है। कान में शब्द पड़ा, सुन लिया । उस शब्द का क्या अर्थ है ? उस शब्द के बारे में क्या सोचना है ? यह कान का काम नहीं है । इंद्रियों के माध्यम से प्राथमिक स्तर की चेतना प्रकट होती है, इसलिए उसमें वर्तमान को जानने की ही क्षमता होती है । मन के स्तर पर प्रकट होने वाली चेतना में त्रैकालिक ज्ञान की क्षमता होती है । वह वर्तमान को जानती है, अतीत का स्मरण करती है और भविष्य की कल्पना करती है । इंद्रिय-ज्ञान की जो क्रिया होती है उसकी प्रतिक्रिया मानसिक ज्ञान की चेतना में होती है। मन इंद्रियों के ज्ञान का संश्लेषण और विश्लेषण करता है। ____ मस्तिष्क में स्मृति या संस्कार का बहुत बड़ा संग्रह है । इन्द्रियां जो ग्रहण करती हैं वह मस्तिष्क में संगृहीत हो जाता है। योग की भाषा में उसे हम वृत्ति या संस्कार और मनोविज्ञान की भाषा में उसे अक्षय संचय कोष कह सकते हैं । जब-जब बाह्य उत्त जनाएं मिलती हैं तब-तब प्रतिघात होता है । हमने एक व्यक्ति को पहले देखा । वह स्मृति में नहीं रहा दस वर्ष बाद जैसे ही वह व्यक्ति सामने आया वैसे ही हमारे स्मृति-तंत्र पर प्रतिघात हुआ । स्मृति जागृत हो गयी । हमने उस व्यक्ति को पहचान लिया। यह प्रतिक्रिया प्रतिघात के कारण हुई । किन्तु उसका संस्कार मस्तिष्क के संचय-कोष में संचित था। जो संचित था वह उत्तेजना मिलते ही उत्तेजित हो गया। मन की क्रिया उत्पन्न हो गयी। ___ मन की क्रिया का संचालन मस्तिष्क के द्वारा होता है, इसलिए वह यांत्रिक क्रिया है । किसी का मस्तिष्क खराब हो जाए तब मन की क्रिया नहीं होती । मस्तिष्क के माध्यम से मानसिक चेतना प्रकट होती है। जब वह माध्यम बिगड़ जाता है तब वह क्रिया नहीं होती। टेपरिकार्डर का फीता घूमा, भाषा उसमें संगृहीत हो गयी । किन्तु वह भाषा पुनः तब प्रकट होगी जब यंत्र में कोई गड़बड़ नहीं है। यंत्र में गड़बड़ होने पर भाषा संगृहीत रहेगी किन्तु प्रकट नहीं होगी। मन यांत्रिक क्रिया का प्रतिफलन है इसलिए उसे अचेतन कहते हैं । वह चेतना के प्रकाश से प्रकाशित होता है इसलिए उसे चेतन भी कहा जा सकता है। उसे चेतन या अचेतन कहना हमारी अपेक्षा है । यदि मस्तिष्क की आत्मिक क्रिया को देखते हैं तो कह सकते हैं