________________
सूत्रकृताङ्गेभाषानुवादसहिते पञ्चदशमध्ययने गाथा २५
पञ्चदशमादानीयाध्ययनम् टीकार्थ - कर्म को विदारण करने में समर्थ बहुत से वीर पुरुष पूर्व के अनादिकाल में हो चुके हैं तथा वर्तमान समय में भी कर्मभूमि में बहुत से धीर पुरुष होते हैं एवं आगामी अनन्तकाल में उत्तम संयम का अनुष्ठान करनेवाले बहुत से धीर पुरुष होंगे। उक्त पुरुषों ने क्या किया है और क्या करते हैं तथा क्या करेंगे ? सो शास्त्रकार बतलाते हैं । वे पुरुष दुःख से प्राप्त करने योग्य ज्ञान, दर्शन और चारित्र रूप मोक्ष मार्ग की अन्तिम सीमा पर पहुँचकर दूसरों के प्रति उसी मार्ग को प्रकट करके तथा स्वयं उसका आचरण करते हुए संसार से पार हुए हैं तथा हो रहे हैं और होंगे । अनुगम समाप्त हुआ । अब नय बताने चाहिए । वे भी पूर्ववत् हैं । इति शब्द अध्ययन की समाप्ति का द्योतक है, ब्रवीमि पूर्ववत् है ।
यह आदानीय नामक पन्द्रहवाँ अध्ययन समाप्त हुआ ॥२५।।