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ओसवाल जाति का इतिहास -
टारसिहजी
तालारामजी
उदयचंदजी
तेजपालजी
उगरचंदजी
रेशमजी
चालचंदजी
श्रीमानसेठजीसुखमलजी
श्रीसुराणावंशकाआदि निवासस्थाननागोर(मारवाक) है। श्रीमान शेटजीवनदासजी के तीन पुत्र थे,जिनमें सबसे बड़े पुत्र श्रीमान शेउसुखमलजी विक्रम संवत १४. के लगभग चुरुमेंआकर निवास किया। आपके वंशजोंका यह कल्प वृक्षहै।
सजातो येन जातेन याति वंशः समुन्नतिम् ।। परीवर्तिनि संसारे मृताकोवा न जायते।।
- भावार्थ:जन्म उसीका सार्थक है जो अपनी जाति ओर वंशकोउन्नति - करताहै नहीं तो इस परिवर्तन शशिल संसार में कौन नहीं
जन्मताऔर मरताहै। विक्रम संवत १४४० मितीभाद्रपद कृष्णा १३ ।
निवासस्थानाका
सुराणाके बंशजोंकाकल्पवृसंह।
सुराणा परिवार, चुरू ।