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बेद मेहता
महाराव हरिसिंहजी का परिवार - मेहता किशनसिंहजी-आपका जन्म संवत् १९१२ में हुमा। आप महाराव हरिसिंहजी के प्रथम पुत्र थे। आपका स्वर्गवास संवत् १९३६ में केवल २४ वर्ष की आयु में ही हो गया। इसके एक साल पूर्व आप रियासत के दीवान बनाये गये थे। आपके तीन पुत्र मेहता शेरसिंहजी, मेहसा लछमनसिंहजी और मेहता पन्नेसिंहजी थे।
मेहता शेरसिंहजी ने राज्य में कई स्थानों पर कार्य किया । आपके कार्यों से प्रसन्न होकर महा. राजा साहब ने भापको राव की उपाधि प्रदान कर भापका सम्मान बढ़ाया। भापका स्वर्गवास संवत् १९८६ में हो गया। इस समय आपके रघुरावसिंहजी, कल्याणसिंहजी और भानन्दसिंहजी नामक तीन पुत्र हैं। श्री० आनन्दसिंहजी स्टेट बैंक में काम करते हैं। आपके किशोरसिंहजी नामक एक पुत्र हैं। मेहता लछमनसिंहजी और मेहता पनेसिंहजी का स्वर्गवास हो गया। लछमनसिंहजी के गुलाबसिंहजी नामक एक पुत्र हैं।
महाराव सवाईसिंहजी-आप महाराव हरिसिंहबी के दूसरे पुत्र थे। आपका जन्म संवत् १९१४ का था। प्रारम्भ में आप राजगद की हवलदारी पर मेजे गये। इसके बाद माप वर्तमान महाराजा गंगासिंहजी के मिनिस्टर और वेटिंग रहे। इसके पश्चात् बाप क्रममा बढ़ते ही गये और अंत में मेम्बर कौसिक नियुक्त हुए। आपने महाराजा डूंगरसिंहजी के समय में फौजदारी दीवानी वगैरह की कुल मुल्की का काम किया था। इन्ही सब कार्यों से प्रसन्न हो कर महाराजा साहब ने आपको पन्ने का कंठा और पैरों में सोने की सांट पक्षी। इसके अतिरिक्त आपको अपनी पुश्तैनी ताज़ीम वगैरह पहलेही से थी। लापका सम्बत् १९०९ में स्वर्गवास हो गया। आपके रामसिंहजी और गोविंदसिंहजी मामक दो पुत्र थे। इनमें रामसिंहजी मेहता भवानसिंहजी के यहाँ दत्तक चले गये । दूसरे गोविन्दसिंहजी का स्वर्गवास सम्वत् १९६९ में ही हो चुका था । मेहता गोन्विदसिंहजी के खुमानसिंहजी और मोहनसिंहजी नामक दो पुत्र हैं। महाराव खुमानसिंहजी को अपने पुश्तैनी सब सम्मान प्राप्त है। भाप शिक्षित और मिलनसार व्यक्ति हैं। आपके सुमेरसिंहजी नामक एक पुत्र हैं। कोहनसिंहजी अपने चाचा मेहता वालमसिंहजी के यहाँ दत्तक चले गये । वालमसिंहजी स्टेट में हफिम रहे थे । आपका स्वर्गवास हो गया है । मोहनसिंहजीके एक पुत्र सोहनसिंहनी है।