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________________ भंडारी सतारा म्युनिसिपैलेटी के मेम्बर और महाराष्ट्र प्रान्तीय जैन सास के सभापति निर्वाचित हुए थे । भारत के स्थानकवासी जैन समाज ने अखिल भारतीय स्था० जैन कान्फ्रेंस के अजमेर वाले तीसरे अधिवेशन का सभापति चुनकर आपको सम्मानित किया था । कहने का तत्पर्य यह कि भाप महाराष्ट्र प्रान्त की जनता में तथा भारत के जैन जगत में प्रतिभावान पुरुष थे। छत्रपति शिवाजी के वंशज सतारा महाराज एवं अन्य बड़े २ रईस जागीरदारों से आप मनी लेण्डिा विजिनेस करते थे । संवत् १९७६ की जेठ वदी ११ को आप स्वर्गवासी हुए । आपके सम्मान स्वरूप सतारा के बाजार बंद रखे गये थे। सेठ चन्दनमलजी मूथा-आपका जन्म त् १९२१ की सावण सुदी ५ को हुआ । आप फर्म का काम बड़ी तत्परता से संचालित करते हैं। आप सतारा के व्यापारिक समाज में प्रतिष्ठा सम्पन्न व्यक्ति माने जाते हैं। सन् १९१४ के दुष्काल में सस्ता अनाज वितरित करके आपने गरीब जनता की इमदाद की थी। पूना के स्थानक वासी वोडिंग के स्थापन में आपने 10 हज़ार रुपयों की सहायता दी थी। धार्मिक कामों की ओर आपका अच्छा लक्ष्य है। इस समय आपके कोई पुत्र नहीं हैं। . राय साहिब सेठ मोतीलालजी मूथा-आपका जन्म संवत् १९४७ के दूसरे भादा बदी ३ को हुआ। महाराष्ट्र प्रान्त के प्रधान धनिक व्यापारियों में आपकी फर्म की गणना तो थी ही, पर उस सम्मान की सेठ मोतीलालजी मूथा के सार्वजनिक कामों में सहयोग लेने से अत्यधिक वृद्धि हुई । सन् १९१४ में सेठ मोतीलालजी मूथा म्युनिसिपल कोंसिलर चुने गये और लगातार ३ चुनाव तक मेम्बर रहे । सन् १९१० से १९२३ तक आप सतारा एडवर्ड पांजरापोल के प्रसिडेंट और चैयरमैन चुने गये। इस समय १५ सालों से सतारा तालुका लोकल बोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट रहे एवं वर्तमान में प्रेसिडेट हैं । ६ सालों से आप डिस्ट्रिक्ट लोकल बोर्ड के मेम्बर हैं। इसी तरह जेल कमेटीडिस्पेंसरी आदि संस्थाओं में भी आप सहयोग देते हैं। राय साहेब सेठ मोतीलालजी मूथा अपने पिताजी की तरह ही धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में ग्यातिवान व्यक्ति हैं। भाप की गणना सतारा जिले के प्रधान व्यक्तियों में है। जैन जगता में आप आदरपीय ब्यक्ति हैं। आप महाराष्ट्र ओसवाल कान्फ्रेंस के अहमदनगर वाले अधिवेशन के सभापति रहे थे। १२ सालों से स्था० कान्फ्रेंस का अधिवेशन बन्द हो गया था, उसे कई सज्जनों के साथ परिश्रम करके आपने पुनः मलकापुर में कराया। उक्त अधिवेशन में आप स्वयंसेवक दल के सेनापति थे। इस अधिवेशन के समय से . आप स्था. जैन कान्फ्रेंस के रेसिडेंटल जनरल सेक्रेटरी हैं। आपके गुणों एवं कार्यों से प्रसन्न होकर भारत सरकार ने सन् १९३१ में आपको रायसाहिब की पदवी से सम्मानित किया है। आप कई सालों से सतारा बेंच के ऑनरेरी मजिस्ट्रेट रहे । हर एक सार्वजनिक व धार्मिक कामों में आप उदारता पूर्वक
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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