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________________ प्रोसकाल जाति की कुछ खास खास संस्थाएँ ____ श्री संघ सभा और सरदार हॉईस्कूल जोधपुर-वर्तमान संस्कृति एवं सभ्यता के युग में उन्नति की तीव्र भावना से प्रेरित होकर जोधपुर शहर के गण्यमान्य मोसवाल पुरुषों ने ता. " जुलाई सम् १८९६ के दिन "श्री संघ सभा" की स्थापना की एवं २० हजार रुपयों का चंदा एकत्रित किया। इस कार्य में जोधपुर दरबार महाराजा सुमेरसिंहजी बहादुर ने ९ हजार प्रदान कर अपनी राजभक्त प्रजा का सम्मान किया। इस श्रीसंघ सभा के सभापति स्व. मेहता सरदरचंदजी दीवान सभापति और उपसभापति भण्डारी मानचन्दजी चुने गये, एवं अन्य १७ मुत्सुद्दियों की एक व्यवस्थापक कमेटी बनाई गई। इस सभा ने ता. २९ अगस्त सन् १८९६ के दिन दरवार की आज्ञा से महाराजा सर प्रतापसिंह जी द्वारा “सरदार हॉईस्कूल" का उद्घाटन करवाया। यह हॉईस्कूल अपनी दिन दूनी और रात चौगुनी उन्नति करता गया और इस समय जोधपुर की शिक्षा संस्थाओं में अपना खास स्थान रखता है। इस हॉईस्कूल की उन्नति में शाह नौरतनमलजी भांडावत, मेहता बहादुरमलजी गधैया, शाह गणेशमलजी सराफ आदि सज्जनों के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। इस सयय हॉईस्कूल की निजकी एक भव्य बिडिग है। श्री श्रआत्मानन्द जैन हॉस्कूिल अम्बाला-इस संस्था की स्थापना लगभग ३० वर्ष पूर्व आचार्य विजयवल्लभसूरिजी के उपदेश से हुई। सन् १९२६ में यह हॉईस्कूल बन गया । यह हॉईस्कूल पंजाब प्रान्त के प्रसिद्ध हॉईस्कूलों में माना जाता है। इस संस्था की शानदार नयी विल्डिग हाल ही में तैयार हुई है। "आत्मानन्द जैनगंज” नामक बाजार के किराये की आय, गवर्नमेंट की एड व अन्य सहायता से हॉईस्कूल का व्यय चलता है। संस्था का कार्यवाहन अम्बाले के १६ गण्य मान्य सज्जनों की एक कमेटी के जिम्मे है। श्री ओसवाल हॉईस्कूल अजमेर-इस संस्था की स्थापना अजमेर में छोटी सी संस्कृत पाठशाला के रूप में संवत् १९५६ में हुई। तदनन्तर संवत् १९७५ में यह संस्था मिडिल स्कूल के रूप में परिणत हुई। इस संस्था की आरंभिक उन्नति का प्रधान श्रेय श्री धनराजजी कांसटिया को है। कहना न होगा कि अजमेर की जनता के उत्साह प्रदर्शन से तथा कार्यकर्ताओं की कार्य चातुरी से यह संस्था शीघ्रगामी गति से उन्नति की ओर अग्रसर होती गई, तथा संवत् १९८६ से यह मिडिल स्कूल से हायस्कूल हो गया । यह हायस्कूल इस समय राजपूताना एज्युकेशन बोर्ड से रिकमाइज हो गया है । यह बहुत सुचारु रूप से संचालित किया जा रहा है। इसमें हायस्कूल की अन्य क्लासों के साथ २ कामर्स क्लास की शिक्षा भी दी जाती है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य की ओर भी काफी ध्यान रक्खा जाता है। इस हायस्कूल के प्रेसिडेन्ट सेठ हीराचन्दजी संचेती और मंत्री श्री धनराजजी लूणिया है। सेठ नन्दलाल भण्डारी हाइस्कूल-इस हायस्कूल को इन्दौर के प्रसिद्ध मिल भोनर श्री कन्हैया लालजी भण्डारी ने अपने पिताजी के स्मारक में "नंदलाल भण्डारी विद्यालय" के नाम से खोला है। भापकी उथ व्यवस्थापिका शक्ति एवं योग्य निरीक्षण के कारण विद्यालय दिनों दिन तरकी करता गया और
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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