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जयपुर, काश्मीर और सिरोही के ओसवाल दीवान
९-मेहता शिवदासजी मुहणोत-महाराज कल्याणसिंहजी के समय में १८४७ में दीवान रहे। १०-मेहता करणसिंहजी मुहणोत-१८७७ से १८९६ तक दीवान रहे। आपके द्वितीय पुत्र मेहता
विजयसिंहजी तथा पौत्र सरदारसिंहजी जोधप्नुर राज्य के ख्याति प्राप्त दीवान रहे। ११-मेहता मोखमसिंहजी (मेहता करणमलजी के ज्येष्ट पुत्र) संवत् १८९६ से १९०८ तक दीवान रहे ।
इसी प्रकार किशनगढ़ में मुहणोत परिवार के अलावा बोथरा परिवार में भी कुछ सज्जन दीवान रहे, लेकिन खेद है कि इन परिवारों के वर्तमान मालिकों के पास कई बार जाने पर भी हमें परिचय प्राप्त न हो सका, अतएव पूरी सूची नहीं दे सके । इसी प्रकार किशनगढ़ में मेहता उम्मेदसिंहजी, मेहता रघुनाथसिंहजी, मेहता माधवसिंहजी आदि सज्जनों ने भी स्टेट में फौज बख्शी के पदों पर कार्य किया।
जयपुर के ओसवाल दीवान -गोलेछा माणिकचन्दजी-प्रधानगी के पद पर कार्य किया। १-गोलेछा नथमलजी-संवत् १९३७ से १९५८ तक दीवान पद पर कार्य किया ।
काश्मीर के पोसवोल दीवान -मेजर जनरल दीवान विशनदासजी रायबहादुर सी० एस० . आई ० सी० आई० ई. जम्मू-भूत पूर्व दीवान काश्मीर, इस समय आप जम्बू में रिटायर्ड लाइफ बिता रहे हैं।
सिरोही-स्टेट के ओसवाल दीवान इस स्टेट में भी बहुत पुराने समय से ओसवाल समाज का सिंधी परिवार दीवान के पदों पर काम करता आ रहा है। उन सजनों के नाम नीचे उद्धत करते हैं। -सिंघी श्रीवंतजी
सिरोही के महाराजा सुलतानसिंहजी, अखेराजजी, वेरीसालजी २-सिंघ श्यामजी ३-सिंघी सुन्दरजी
दरजनसिंहजी, तथा मानसिंहजी के समय में दीवान ४-सिंधी अमरसिंहजी
के पदों पर काम किया। ५-सिंघी हेमराजजी
ये तीनों बन्धु ईडर के दीवान सिंघी लालजी के पुत्र थे। 1-सिंघी कानजी
इन्होंने सिरोही स्टेट के दीवन पद पर काम किया था इनमें •-सिंघी पोमाजी
कानजी ३ वार दीवान हुए। -सिंधी जोरजी-आप संवत् १९१६ में दीवान रहे । ९-बापना चिमनमलजी दबानी वाले-आपने भी स्टेट में दीवान के पद पर कार्य किया था। १.-सिंघी कस्तूरचन्दजी-आप संवत् १९१९,२५ तथा ३२ में तीन बार दीवान हए । ११-राय बहादुर सिंघी जवाहरचन्दजी-आप संवत् १९४८,५५ तथा ५९ में तीन बार दीवान हुए।
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