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को बहुत बढ़ाया है। आपने बेलिंगटन, कुन्मूर और स्टकमंड में दुकानें खोली । बम्बई में आपका “फतहलाल मिश्रीलाल" के नाम से व्यापार होता है। तथा नीलगिरी में भापकी ५दुकाने हैं। जिनमें लालचन्द शंकरलाल एण्ड कं. अंग्रेज़ी ढंग से बैकिंग व्यापार करती है और नीलगिरी में बड़ी प्रतिष्ठित मानी जाती है। सेठ मिश्रीलालजी बड़े शिक्षा प्रेमी तथा धार्मिक व्यक्ति हैं। आप अपनी फर्म की भोर से माठ साल से २ हजार रुपया प्रतिवर्ष ब्यावर के “जैन गुरुकुल" को सहायता दे रहे हैं। एवं माप उस गुरुकुल के प्रेसिडेण्ट भी है।
सेठ जेठमलजी के पुत्र नेमीचन्दजी व शंकरलालजी, सेठ फतेलालजीके पुत्र चम्पालालजी, सेठ विजयलालजी के पुत्र कन्हैयालालजी और रामलालजी तथा कंवरलालजी के पुत्र फकीरचन्दजी तथा मूलचन्द जी हए । इन बंधुओं में शंकरलालजी, चाँदमलजी (बहादुरचंदजी के पुत्र) के नाम पर तथा मूलचन्दजी, मिश्रीलालजी के नाम पर दत्तक गये । एवं फकीरचन्दजी का स्वर्गवास सम्बत् १९८९ में अल्पवय में हो गया। नेमीचन्दजी, चम्पालालजी तथा कन्हैयालालजी व्यापार में भाग लेते हैं। यह परिवार फलोदी बम्बई और नीलगिरी के ओसवाल समाज में अच्छी प्रतिष्ठो रखता है।
. श्री बख्तावरमल नथमल वेद, ऊटकमंड
इस परिवार के पूर्वज दौलतरामजी वेद के पुत्र शिवलालजी, बींजराजजी तथा जोरावरमलजी वेद ने रोहिणा नामक स्थान से आकर अपना निवास स्थान फलोदी में बनाया। सेठ शिवलालजी संवत् १९५७ में स्वर्गवासी हुए । तथा बींजराजजी व जोरावरमलजी का व्यापार अमलनेर के पास पीपला नामक स्थान में रहा । सेठ शिवलालजी के बाघमलजी तथा बख्तावरमलजी नामक २ पुत्र हुए। इन बंधुओं ने रामगाँव (बरार) में अपना व्यापार शुरू किया । सम्वत् १९५९ में सेठ बख्तावरमलजी वे सेठ सूरजमलजी वेद फलोदीवालों की भागीदारी में "सूरजमल सुजानमल" के नाम से साहूकारी व्यापार चाल किया। संवत् १९६६ में आपका तथा १९८२ में बाघमलजी का स्वर्गवास हुआ।
सेठ बख्तावरमलजी के पुत्र नथमलजी का जन्म सम्बत् १९५५ में हुआ। इस समय आप सेठ मिश्रीलालजी वेद फलोदी वालों की भागीदारी में “शिवलाल नथमल" के नाम से कटकमंड में वैकिंग व्यापार करते हैं। यहाँ के ओसवाल समाज में आप प्रतिष्ठित एवं समझदार व्यक्ति हैं। आपको पठन पाठन का बड़ा प्रेम है। इसी तरह इस परिवार में सेठ जोरावरमलजी के पौत्र भेरूदानजी, बेलिंगटन में सेठ मिश्रीलालजी वेद की भागीदारी में तथा बींजराजजी के पुत्र मोतीलालजी वेद अमलनेर में व्यापार करते हैं।
सेठ चुनीलाल छगनमल वेद, ऊटकमंड इस परिवार के पूर्वज वेद गंभीरमलजी तथा उनके पुत्र बालचंदजी ठिकाना रास (मारवाड़) में रहते थे। सेठ बालचन्दजी सम्बत् १९६४ में स्वर्गवासी हुए। आपके पुत्र चुनीलालजी का जन्म सम्बत् १९५४ में तथा छगनमलजी का १९६० में हुआ। इन बंधुओं ने सम्बत् १९८० में अपना निवास म्यावर में किया । भाप लोगों ने सेठ "रिखबदास फतेमल" की भागीदारी में सन् १९.८ में उटकमंड में सराकी व्यापार चाल किया। इस समय इस दुकान पर कपड़े का व्यापार होता है। आप दोनों सज्जन वेताम्बर जैन स्थानकवासी आनाय के माननेवाले हैं। व्यापार को मापने तरकी दी है।