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मोसवाल जाति का इतिहास
यह परिवार करता रहा। ता० ॥१०॥३२ से स्टेट ने अपनी ट्रेशरी खोल कर यह काम इनकी फर्म से ले लिया। इन पचास सालों में स्टेट का तमाम खजाना इनकी फर्म पर आता रहा, तथा इनके द्वारा सुविधा नुसार हर एक डिपार्टमेंट में पहुँचाया जाता रहा । स्टेट की मीटिंगों में दीवान और रेवन्यू कमिश्नर के पश्चात् तीसरी चेयर इनकी लगती रही। जेठ हिम्मतमलजी प्रतिष्ठा सम्पन्न व्यापारी हैं,तथा स्थानीय पंच पंचायती में अग्रगण्य व्यक्ति माने जाते हैं । धार्मिक और सामाजिक कामों में भी आपने अच्छा व्यय किया है। सिरोही स्टेट में आपकी बड़ी इज्जत है। आपकी वफादारी और इमानदारी की कद्र कर स्टेट हर एक विवाह शादी आदि उत्सवों पर सिरोपाव प्रदान करती है । आपके छोटे भ्राता जवानमलजी विद्यमान हैं तथा फोजमलजी का अंतकाल १९७६ में हो गया है। सेठ हिम्मतमलजी के पुत्र इन्द्रचन्द्रजी हैं। भाप श्रीश्रीमाल-सेठिया बोहरा गौत्र के सज्जन हैं।
सेठ चुनीलाल रामचन्द्र सबदरा, मांजरोद (खानदेश )
इस परिवार का निवास आसरडाई ( जैतारण के पास ) मारवाड़ है। आप लोग स्थानकवासी आम्नाय के मानेवाले सज्जन हैं । इस परिवार के पूर्वज सेठ रायमलजी के पुत्र जीताजी तथा सरदारमलजी हुए । इन बंधुओं में देश से व्यापार के लिये लगभग ८० साल पहिले सेठ सरदारमलजी, खानदेश के मांजरोद नामक स्थान में आये । तथा मामूली हालत में यहाँ धंधा रू किया । आपके बड़े भ्राता सबदरा जीताजी के पुत्र रामचन्द्रजी हुए, आपने आसामी लेनदेन शुरू करके अपने व्यापार की नींव जमाई । संवत् १९५३ में आप स्वर्गवासी हुए। आपके नाम पर आसरडाई से सेठ चुनीलालजी दत्तक आये।
चुन्नीलालजी सबदरा-आपका जन्म संवत् १९३२ में हुआ। १२ साल की वय में आप सेठ रामचन्द्रजी के नाम पर आये। आपने इस खानदान के व्यापार तथा सम्मान को बढ़ाया। खानदेश के ओसवाल समाज में आप का परिवार प्रतिष्ठित माना जाता है। आप सरल स्वभाव के, गंभीर तथा सुखी गृहस्थ हैं । भापके पुत्र पक्षालालजी, मोहनलालजी, चम्पालालजी, दीपचन्दजी तथा बंशीलालजी हैं । श्री पन्नालालजी का जन्म सं० १९५५ में मोहनलालजी का १९५८ में तथा चम्पालालजी का १९६४ में हआ। आप तीनों भाई फर्म में व्यापार में सहयोग लेते हैं। तथा इनसे छोटे दीपचन्दजी सबदरा पूना कॉलेज में बी० ए०के द्वितीय वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं । आपका विवाह खानदेश के प्रसिद्ध श्रीमंत श्रीमान सेठ राजमलजी ललवानी की कन्या से हुआ है। इनसे छोटे वंशीलालजी जलगाँव हाईस्कूल में पढ़ते हैं। पन्नालालजी के पुत्र शिवलालजी तथा नेमीचंदजी और मोहनलालजी के पुत्र मानमलजी व सूरजमलजी तथा चम्पालालजी के पुत्र भंवरलालजी हैं।
बालोरी श्री तखनमलजी जालोरी, भेलसा (गवालियर ) इस परिवार के पूर्वज जालोरी खुशालचन्दजी तथा उनके पुत्र संतोषचन्दजी अरटिया (रीयां) में रहते थे। वहाँ से आपने अपना निवास संठों की रीयां में बनाया। सेठ संतोषचन्दजी के पुत्र तारा
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