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________________ ओसवाल जाति का इतिहास में सर्विस करते हैं। भंसाली सुकनराजजी सबइन्स्पेक्टर पोलिस थे, इनका स्वर्गवास हो गया है । भंसाली विशनदासजी पोलीस विभाग में थे। अभी आप रिटायर हैं । भंसाली किशनराजजी ( उर्फ मिनखराजजी ) - आपका जन्म संवत् १९३६ में हुआ । आप सन् १८९७ से मारवाड़ राज की सर्विस में प्रविष्ट हुए। तथा महाराजा सरदारसिंहजी के समय प्राइवेट सेक्रेटरी आफिस में क्लार्क हुए | पश्चात् आप संवत् १९६२ में पोलिस कॉन्स्टेबल हुए, एवं इस विभाग में अपनी होशियारी से बराबर तरक्की परते गये सन् १९१२ से १४ सालों तक आप पब्लिक प्रासी क्यूटर रहे । तथा सन् १९२६ से आप सुपरिन्टेन्डेन्ट पोलीस के पद पर कार्य्यं करते हैं। आपके होशियारी पूर्ण कामों की एवज में जोधपुर दरबार तथा कई उच्च पदाधिकारियों ने आपको सर्टिफिकेट दिये हैं। आपके ४ पुत्र हैं जिनमें बड़े जवरराजजी बी० ए० एल० एल० बी जोधपुर में वकालात करते हैं, कुंदनराजजी ने बी० ए० तक शिक्षा पाई है। इनसे छोटे रतनराजजी व चंदनराजजी हैं । भंसाली रतनराजजी कुशल राजजी का खानदान, जोधपुर ऊपर लिख आये हैं कि इस परिवार के पूर्वज भंसाली जगन्नाथजी के तीसरे पुत्र श्रीचंदजी थे । इनके ५ पाँच पुत्र हुए, जिनमें मंझले पुत्र माणकचंदजी थे। इनके नाम पर मूलचन्दजी तथा उनके नाम पर बच्छराजजी दत्तक आये । इनका स्वर्गवास संवत् १९०५ में हुआ । वच्छराजजी के पुत्र फतहराजजी तक इस परिवार के पास सोजत परगने का खांभल गांव पट्टे था। फतहराजजी ने अपने पूर्वजों की एकत्रित की हुई सम्पति को खूब खर्च किया । संवत् १९५२ में इनका स्वर्गवास हुआ । इनके उदयराजी उम्मेदराजजी तथा पेमराजजी नामक ३ पुत्र हुए। भंसाली उदयराजजी नागोर के मुसरफ तथा महाराणीजी ( चव्हाणजी) जोधपुर के कामदार थे । संवत् १९६४ में इनका स्वर्गवास हुआ । इनके पुत्र फौजराजजी के पुत्र किशनराजजी, मोहनराजजी सोहनराजजी तथा उगमराजजी हैं। भंसाली उम्मेदराजजी भी राज्य की नौकरी करते रहे, इनका स्वर्गवास संवत् १९६९ में हो गया। इनके जोधराजजी, रतनराजजी, देवराजजी, रूपराजजी तथा करणराजजी नामक पाँच पुत्र हुए। इनमें रूपराजजी के पुत्र कुशलराजजी, रतनराजजी के नाम पर दत्तक आये हैं। भंसाली रतनराजजी का जन्म संवत् १९२० हुआ था । आप लगभग १२ साल तक खजाने के नायब दरोगा, बारह साल तक सब इन्स्पेक्टर पोलिस तथा दस साल तक कोर्ट आफ वार्डस् के अकाउण्टेण्ट रहे । सन् १९२७ में रिटायर्ड हुए तथा फिर बिलाड़ा तथा भँवराणी ठिकाने में २ साल तक मैनेजर रहे। इधर कुछ मास पूर्व आपका स्वर्गवास हो गया है। आपके पुत्र कुशलराजजी आडिट आफिस जोधपुर में सर्विस हैं। इसी तरह करणराजजी के पुत्र मुकुन्दराजजी भी आडिट आफिस में सर्विस करते हैं । भंसाली पेमराजजी का स्वर्गवास संवत् १९५७ में हुआ । आपके पौत्र भेरूराजजी डाक्टर हैं तथा सुकनराजजी ट्रिब्यूट इन्स्पेक्टर हैं। ५८०
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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