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________________ अध्याय [ ३७ ] प्रधानविषय . पृष्ठाङ्क ब्राह्मणों में ज्येष्ठ श्रेष्ठ वही है जो विद्या एवं तप में श्रेष्ठ है । स्त्री को पति का आदेश मानकर अमिहोत्र करने से सौभाग्य बढ़ता है तथा पति की आज्ञानुसार चलने से इहलोक और परलोक दोनों में परम सुख प्राप्त होता ह ( १-२३ ) । २० द्वितीयादिस्त्रीकृतेसति वैदिकाग्निवर्णनम् १३६६ स्त्री के साथ ही यज्ञ की विधि । स्त्री के मृत होने पर भी गृहस्थाश्रम में रहता हुआ अग्निहोत्र करता रहे। श्लोक दस में श्रीरामचन्द्रजी का उदाहरण दिया है कि उन्होंने सीताजी की प्रतिमा बनाकर उसके साथ यज्ञ किया (१-१६)। २१ मृतदाहसंस्कारवर्णनम् । १३७१ मृतक का संस्कार बतलाया गया है ( १-१६) । २२ दाहसंस्कारवर्णनम् । १३७२ __ मृतक के दाह संस्कार का वर्णन (१-१०)। . २३ विदेशस्थमृतपुरुषाणांदाहसंस्कारवर्णनम् १३७३ विदेश में मृत हुए पुरुष के दाह संस्कार के सम्बन्ध में कहा गया है (१-१४)।
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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