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अध्याय
२ बालक मारनेवाले को जो नरक भोगना पड़ता
है वह दोष उसे होगा जो न्यायालय में फठी साक्षी देगा । कूट ( जाली) साक्षियों का वर्णन, कूट साक्षी को. आठ गुना दण्ड होना चाहिये ( ६६-८५ ) ।
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[ १६ ]
प्रधानविषय
२ लिखित प्रकरणम् -
२ दिव्य प्रकरणम्----
लेख में गवाह होना चाहिये तथा सम्वत्, महीना और दिन भी होना चाहिये, लेख की समाप्ति में ऋण लेनेवाला अपना हस्ताक्षर कर दे एवं अपना तथा अपने पिता का नाम लिख दे । लेख बिना साक्षी के भी हो सकता है जो अपने हाथ से लिखा हुआ हो किन्तु वह बलपूर्वक लिखाया हुआ न हो । रुपया जितना देता जाय उस कागज के पीछे लिखता जाय । धन चुक जाने पर उस कागज़ को फाड़ देवे या साक्षी के सामने को वापस दे दे (८६-६६ ) ।
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णी
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पृष्ठाङ्क
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जब कोई साक्षी आदि प्रमाण न मिले तब दिव्य कराया जाता है। दिव्य इतने प्रकार के होते हैं