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॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ स्मृतिसन्दर्भ द्वितीयभाग की विषय-सूची
पराशरस्मृति के प्रधान विषय।
अध्याय प्रधानविषय
पृष्ठाङ्क वर्तमान कलियुग में पराशर स्मृति का मुख्य स्थान माना गया है। पराशर संहिता दो उपलब्ध हैं पराशरस्मृति
और बृहत्पराशर । पराशर स्मृति में द्वादश अध्याय हैं, वृहत्पराशर में भी उतनी ही । प्रथमाध्याय में दोनों स्मृतियों में एक जैसा वर्णन “कलौपाराशरीस्मृता" दूसरे अध्याय से बृहत्पराशर में कुछ विशेष बातें और विचार वर्णन किया है। पराशरस्मृति किसी देश विशेप, संप्रदाय विशेष, जाति विशेष को लेकर धर्माख्या नहीं करती है, अपि तु मनुष्यमात्र का पथ-प्रदर्शित यह स्मृति करती है। इसके प्रारम्भ में मृपियों ने इस प्रकार प्रश्न किया ।