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________________ [ ४] अध्याय प्रधानविषय पृष्ठाक करने का माहात्म्य । आषाढ़ में दीप दान का माहात्म्य; श्रावण में वस्त्र दान, भाद्रपद में गोदान, पाश्विन में घोड़ा दान, कार्तिक में वस्त्र दान, मार्गशीर्ष में लवण दान, पौष में धान का दान, फाल्गुन में इन दान, मास विशेष में अलगअलग दान बताये हैं [२६१-२७८]। . दान त्याज्यकाल वर्णनम् । ८६३ अशौच सूतक में दान देना लेना निषेध, रात्रि में दान निषेध, और रात्रि में विद्या दान, अभय · दान, अतिथि सत्कार हो सकता है, अभय दान हर समय हो सकता है, दूसरे का दान अशौत्र सूतक में लेना निषेध, [२७८-२८२]। दान लेने की और देने की शास्त्रोक्त विधि का वर्णन [२८३-२८६ ]। सत्पात्र को दान देना चाहिये अन्य को नहीं, परोक्ष दान के महान् पुण्य की . विधि [ २६०-३००]। १० दानार्थ गौलक्षण वर्णनम् । ८६५ गोदान का वर्णन आया है कैसी गौ दान के लिये होनी चाहिये [३०१-३०६ ] । दान में तौल वर्णन
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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