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________________ [ ४३ ] अध्याय प्रधान विषय पृष्ठाङ्क चढ़ाने चाहिये ऐसा कहा है (१२३-१२७) । गुग्गुल की धूप को श्राद्ध में निषेध बताया है ( १२८१२६ ) श्राद्ध में तिलक कैसे लगाना चाहिये उसका वर्णन है (१३०-१३१)। श्राद्ध में कैसा वस्त्र देने का निर्णय है ( १३२)। श्राद्ध में देश रीति तथा कुल रीति का पालन करना बताया गया है (१३३-१३४ ) सपिण्डी श्राद्ध का विवरण और अग्नि में जले हुए, सांप से कटे हुए की छः मास में श्राद्ध क्रिया बताई है ( १३५-१४८)। नान्दीमुख श्राद्ध में कौन देवता पूजे जाते हैं और उसमें दीप दानादि कैसे होता है। नान्दीमुख श्राद्ध का विशेष वर्णन किया है ( १४६-१७२ )। . श्राद्ध के भेद और श्राद्ध की विधियां, स्त्री का पति के साथ तथा किस स्त्री का पृथक् श्राद्ध होता है उसका वर्णन किया है। चतुर्दशी में जो एकोदिष्ट श्राद्ध होता है उसका वर्णन और प्रतिलोम के लड़कों को श्राद्ध का अधिकार नहीं उसका वर्णन तथा नारायणबली,जो अपमृत्यु से मरते हैं जैसे पेड़ से गिरकर; नदी में डूबकर इत्यादि इनकी नारायणवली का विधान कहा है। अपने पति के साथ जो लो मरती है उसके श्राद्ध का
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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