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[ १३ ] अध्याय प्रधान विषय
पृष्ठाङ्क चाहिये (३२-३६)। प्रायश्चित्त किन स्थानों पर करना
चाहिये (३७-३८ )। ८ गोब्राह्मणहेतोरुपदेशः।
६५६ गाय किसी स्थान पर कीचड़ में फंस जाय तो उसके रक्षा का पुण्य (३६-४३ )। गो घाती को प्राजापत्य कृच्छ्र के विधान का वर्णन (४४-समाप्ति )। ६ गोसेवोपदेशवर्णनम।
गो सेवा का उपदेश । गोबध करने में कौन-कौन दण्डनीय होते हैं। गाय को बाँधना, लाठी मारना या काम क्रोध से मारना, पैर वा सींग तोड़ना याने कई तरह गो को मारने का पाप तथा उसका प्रायश्चित्त बताया
गया है। है गवि विपन्नानां प्रायश्चित्तम् ।
६६३ इसमें गाय के बाँधने का एवं नदी और पर्वत पर गाय के चराने का वर्णन । · इसमें गायको विपत्ति हो जाय
और गाय को किन रस्सियों से बाँधना चाहिए और किनसे नहीं बाँधना, बिजली गिरने से, अति वृष्टि से यदि गाय मर जाय, इन सम्बन्धों में और गाय के