________________
अध्याय
[ ५५ ] पूधानविषय
पृष्ठाङ्क सबल, तीसरे रिश्वत और सट्टा आदि से रोजगार करनेवाले और व्याज खानेवाले को असित कहते हैं। जिस तरह जो रुपया आता है उसकी गति वैसी ही होती है। ५६ गृहस्थाश्रमिणां कर्तव्यमग्निहोत्रश्च वर्णनम्- ४६६
गृहस्थाश्रमी नित्य हवन करे इस तरह लिखे हुए आचार
के अनुसार हवन करनेवाले की प्रशंसा की गई है। ६० सर्वेषां नित्यशौच ब्राह्ममुहूर्तादि कृत्यवर्णनम्-४६८ ६१ दन्तधावन प्रकरण वर्णनम्---
४६६ ६२ द्विजातीनां प्राजापत्यादि तीर्थ वर्णनम्- ५०० ६३ योगकर्म विधानम्-ईश्वरप्राप्तिः, यात्रा प्रकरणे
दृष्टादृष्ट वर्णनम्--- ६४ स्नानाद्याचार कृत्य वर्णनम्---
५०२ ६५ स्नानान्तर कर्तव्यता-देवपूजावर्णनम्--- ५०४ ६६ देवपितृकर्म विधानं, तत्कर्मणि त्याज्य वर्णनश्च ५०५ ६७ अग्निस्थापनमतिथ्याधनेक विचार वर्णनम् ५०६ ६८ चन्द्रसूर्योपरागकर्तव्यता-त्वनेक प्रकरणे त्याज्यवर्णनम्
५०६