SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 106
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९१६-१९१७ में डिस्ट्रिक्ट होम रूल लीग के सेक्रेटरी रहे, और कांग्रेस कमिटी की आयोजना में मुख्य भाग लिया । उसी समय से जिला और स्थानीय कांग्र ेस कमेटी के कार्यकर्ता रहे हैं । १९३७ से प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्रीय एलेस्थान - ट्राइब्यूनल के सदस्य रहे हैं। बम्बई लेजिस्लेटिव ऐसेम्बली के सदस्य १६३७ में निर्वाचित हुए । १९४० में वैयक्तिक सत्याग्रह किया और ६ मास का कारागार -सहा । श्राप श्रोस वाल जैन हैं; और जैन समाज और धर्म सम्बन्धित सर्व प्रगतिशील श्रान्दोलनों और कार्यों में मुख्य भाग लेते रहे हैं, करीब २५ बरस से भारत जैन महामण्डल की प्रबन्ध कारिणी कमेटी के सदस्य रहे हैं। हमको आपसे गहरी और महान आशाएँ हैं : आप चिरायु हों; दिन प्रतिदिन वृद्धिगत यश तथा वैभव प्राप्त करें ।
SR No.032645
Book TitleBharat Jain Mahamandal ka 1899 Se 1947 Tak ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjit Prasad
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year1947
Total Pages108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy