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आवश्यक सूचना
-><विहार के कारण विना फ़र्मा शोधे छप जाने से लगलियां रह गई हैं और गलतियों से अर्थका अनर्थ हो जाता है इस लिये अन्त का शुद्धि पत्र देख कर वाचक ग्रंथ पढ़ें और ग्रन्थ का रास्य समझे। - कन्पसूत्र और भद्रवाहु इतने प्रसिद्ध हैं कि उन की प्रसिद्धि देनी सोने पर गिलेट चढ़ाना है किंतु जैनतत्व से विमुख भ्राताओं के हितार्थ यह ट्रेक्ट निकाला है और आप लोग इसको पढ़ कर स्वयं कल्पसूत्र पढ़ें समय मिलेगा तो भद्रबाहु की जीवनी भी देने में भावेगी किंतु छोटे ट्रेक्ट में वह अभिलाषा पूर्ण नहीं होती इतिहास और मुक्ति पांछक पुरुषों को कल्पसूत्र एक अमृत रस का कूप है उसका सरल हिंदी छपाने के लिये ५०० रुपये की
आवश्यकता है जो कोई महाशय कुछ भी मदद देने को चाहे सो प्रसिद्ध कर्ता को लिखे और काम शुरू करवावें।
मुतिमाणिक
बड़ौत सन् १९१५