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उर्ध्व शिला (सिद्ध शिला) की स्थापना दानवीर जैनरत्न श्रेष्ठिवर्य श्री दीपचन्दजी एस. गार्डी, मुम्बई के कर कमलों से हुई, कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रमणलालजी जैन (मोण्टेक्स ग्रुप), मुम्बई ने की। इस अवसर पर विधि-विधान करवाने हेतु श्री रघुनाथजी शास्त्री (गायत्री पंचांग निर्माता) एवं तीर्थ शिल्पाचार्य श्री महेन्द्रभाई सोमपुरा, पालीताणा भी उपस्थित थे ।
महाप्रभावी श्री शान्तिनाथजी प्रभुजी के जिनालय के मुख्य प्रवेश द्वार से 40 फीट दूर 50 फीट की त्रिज्या में एक सुन्दर न्यास स्थान बनाया जायेगा । दाता परिवार के सदस्य की पूरे आकार की, प्रभु के दर्शन करती हुई मुद्रा में सफेद संगमरमर की मूर्ति बनाई जाएगी; इसके साथ ही परिवार की प्रशस्ति का एक सुन्दर शिलालेख भी लगाया जायेगा ।
महाप्रभावी श्री शान्तिनाथ प्रभुजी का ऐतिहासिक मन्दिर एक विशाल क्षेत्र में विस्तार लिए हुए है। इस तीर्थ भूमि का प्रवेश द्वारा अत्यंत कलात्मक तथा अति भव्य रूप में बनाने की योजना है । • प्रवेश द्वार पर दानदाता का नाम व प्रवेश द्वार के एक ओर 6 फीट की ऊँचाई वाला प्रशस्ति पत्र लिखा जायेगा ।
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मन्दिर के सभा मण्डप और कोली मण्डप का निर्माण कार्य भी द्रुतगति से चल रहा है। इस हेतु देव द्रव्य एवं साधारण खातों में द्रव्य की सख्त आवश्यकता है। आप अपनी शक्ति के अनुसार ट्रस्ट के नाम बैंक ड्राफ्ट भेजकर इस तीर्थ के विकास में सहभागी बने एवं पुण्य लाभ प्राप्त करें ।
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