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________________ लिया है। बंसी पहाड़पुर खदान के श्रेष्ठ गुलाबी पत्थरों के द्वारा जिनालय के निर्माण का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। 4 जून 2003, बुधवार को सोलहवें तीर्थंकर भगवान श्री शान्तिनाश्र प्रभु का 108 अभिषेक विभिन्न नदियों के एवं पवित्र जलकुण्ड के जल तथा औषधियों से मन्त्रोच्चार के साथ किया गया। भोपावर महातीर्थ में शिला स्थापना महोत्सव दिनांक 5 जून 2003, गुरुवार को सम्पन्न हुआ, जिसका पुण्य लाभ निम्न भाग्यशालियों को मिला मुख्य शिला अग्रिकोण शिला उतर शिला वायव्य शिला ईशान शिला पश्चिम शिला पूर्व शिला नैरुत्य शिला - श्री सुमेरमलजी कानमलजी सदानी (सरत वाले), बैंगलोर श्री चन्द्रसेन भाई अभेचन्दजी झवेरी, मुम्बई श्री रमण भाई जैन (मोण्टेक्स ग्रुप), मुम्बई श्री कस्तूरचन्दजी बापूलालजी परिवार श्रीजसुभाई महेन्द्रभाई, मुम्बई श्री निरंजन भाई गुलाबचन्द चोक्सी, मुम्बई श्री हर्षवराय वीरचन्द शाह श्री गिरीश भाई, मुम्बई 'सौ.अलकाबेन पंकजभाई गांधी, मुम्बई श्री सुरेन्द्रकुमारजी राजमलजी जैन (पेट्रोल पंप वाले), धार श्री प्रदीपभाई गुलाबचन्दजी चौक्सी, मुम्बई दक्षिण शिला उर्ध्व शिला (सिद्ध शिला) एवं महातीर्थ के चौबीस महा अंग स्वरूप चौबीस तत्वो की सिद्ध-शिलाओं का स्थापना महोत्सव 28 फरवरी 2004 ( मिति फाल्गुन सुदी 8 ), शनिवार को मालवोद्धारक आचार्य भगवंत श्री चन्द्रसागर सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न एवं शंखेश्वर आगम मन्दिर के संस्थापक पूज्य पन्यास अभ्युदय सागरजी के लघु, गुरू- भ्राता भोपावर तीर्थोद्धार प्रेरक महान तपस्वी पूज्य आचार्य श्री नवरत्नसागर सूरीश्वरजी म. सा. एवं उनके शिष्य गणीवर्य श्री विश्वरत्नसागरजी म.सा. आदि साधु-साध्वी के शुभ सानिध्य में समपन्न हुआ । 26
SR No.032639
Book TitleBhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashwant Chauhan
PublisherShantinath Jain Shwetambar Mandir Trust
Publication Year
Total Pages58
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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