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________________ अज्ञात-कालिक प्रकरण नाम-(१६९६)रूप। विवरण-साधारण श्रेणी। नाम-(१६९७ ) रूपमंजरी। ग्रंथ-अष्टयाम । [द्वि० ० रि०] विवरण-चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी वा सखीसंप्रदाय के थे। नाम-( १६९८) रूपसखी वैष्णव । ग्रंथ-होरी। [प्र. ० रि०] नाम-(१६९९) रंगखानि । विवरण-इन्होंने कोई ग्रंथ बनाया है, पर उसका नाम याद ___ नहीं। नाम-( १७००) लक्ष्मण । ग्रंथ-निर्वाणरमैनी। [प्र० त्रै० रि०] विवरण-कबीरपंथी मालूम होते हैं। नाम-( १७०१ ) कृष्णशरण साधु, अयोध्या । ग्रंथ-रामलीलाविहारनाटक (पृ० २७० गद्य पद्य)। नाम-( १७०१ ) लक्ष्मणशरण । ग्रंथ-रामलीलाविहारनाटक । [ द्वि० त्रै० रि०] विवरण-अयोध्या के महंत थे । नाम-(१७०२) लक्ष्मी। नाम-( १७०३ ) लक्ष्मीनारायण, ग्राम भयहरनगर (वितस्ता नदी के तीर ) सारस्वत ब्राह्मण । देखो नं ( २६८०) ग्रंथ-(१) विद्यार्थी बाललीला (पृ० ६ पथ), (२) गोरक्षाशतक (पृ० ३६ पद्य)। नाम-(१७०४) लक्ष्मीप्रसाद कायस्थ, कड़ा जिला इलाहाबाद।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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