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________________ वर्तमान प्रकरण उदाहरण नवल शिकारी नवल सर, नवल शरासन तून ; नवली सावज रूपअलि, होत नवल निस खून । खंजन उड़ि झष बूड़िगे, मृगमद तजिगे दूर ; अलिन नलिन कलिरूपअलि, लखि सियपिय चख नूर । दयादृष्टि दृगकोरघन विभव दृष्टि धन बुंद ; सूखत शाली पालिए मनहु सुदाम मुकुंद । नाम-(२४७६ ) राधेलाल कायस्थ, राजगढ़, बुंदेलखंड । जन्मकाल-११११ । नाम-(२४७७ ) रामनारायण कायस्थ, अयोध्या । ग्रंथ-(.) स्फुट छंद, (२) षट्ऋतुवर्णन । [वि. त्रै० रि०] विवरण-महाराजा मानसिंह के मंत्री । साधारण श्रेणी । नाम-(२४७८ ) रामलाल स्वामी, बिजावर। ग्रंथ-(१) अमरकंटकचरित्र (१९४३), (२) भवानीजी की स्तुति, (३) महावीरजू को तीसा,(४) रामसागर (रामविलास) (१९४३), (१) श्रीब्रह्मसागर (१९४४), (६) श्रीकृष्णप्रकाश (१९४४)।[प्र. ० रि०] विवरण-राजा भानुप्रकाश विजावर के गुरु थे। नाम-( २४७९) रामेश्वरदयाल कायस्थ, सरैयाँ, जिला गाजीपूर । ग्रंथ-चित्रगुप्तचरित्र । जन्मकाल-१९१४। मृत्युकाल-१९५६ । नाम-(२४८० ) लालसिंह ( उपनाम रसिकेंद्र ) मुकाम घूरडोंग, राज्य रीवाँ ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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