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________________ १२३६ मिनबंधु-विनोद नाम-( २४५७ ) नीलकंठ, बड़ौदावासी। नाम-(२४५८) पंचम, बुंदेलखंडी। जन्मकाल-१६११ विवरण-गुमानसिंह राजा अजयगढ़ के यहाँ थे । निम्न श्रेणी के कवि थे। नाम-(२४५९) प्रभुदयाल कायस्थ, अजयगढ़, बुंदेलखंड । ग्रंथ-ज्ञानप्रकाश। जन्मकाल-१९१५ । नाम-(२४६०) बच्चूलाल, बछरावाँ । नाम-(२४६१ ) विश्वनाथ, टिकारी, रायबरेली । नाम-(२४६२ ) विश्वेश्वरानंद महात्मा। ग्रंथ-चतुरा की चतुराई । विवरण-आपने कई और ग्रंथ भी रचे हैं। नाम-(२४६२ ) विहारीलाल । ग्रंथ-उमठकुलभास्कर वा बहार विहारी । [च० ० रि०] नाम-( २४६३ ) वृंदावन सेमरौता, जिला गयबरेली। ग्रंथ-(१) देवीभागवत भाषा (१९५३)। नाम-(२४६४ ) वंदन पाठक, काशीवासी । ग्रंथ-मानसशंकावली। जन्मकाल-१९१५। विवरण-ये महाशय रामायण के अच्छे टीकाकार थे। आपने महाराज ईश्वरीप्रसाद नारायणजी की आज्ञा से ग्रंथ बनाया । रामायण तुलसी-कृत पर इनका प्रमाण माना जाता है।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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