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________________ मिश्रबंधु विनोद नाम - ( २४१५ ) महरामणजी । १ १२३० : ग्रंथ -- प्रवीणसागर । विवरण - राजकोट - निवासी । यह ग्रंथ समाप्त होने के पूर्व ही आपकी मृत्यु हो गई । अतः सं० १९४५ में कविवर गोविंद गल्ला भाई ने इसे पूर्ण किया । नाम - ( २४१६ ) राघवदास साधु । ग्रंथ -- गुरुमहिमा | नाम -( ग्रंथ – (१) मंत्रखंडरसरत्नाकर, (२) उड्डीश तंत्र | ( खोज ११०३) रचनाकाल - १६३६ के पूर्वं । विवरण -- तंत्रविषयक | २४१६ १ ) नित्यनाथ | समय संवत् १९३९ नाम - ( २४१७ ) देवराज खत्री, जालंधर | ग्रंथ - ( १ ) अपरदीपिका, ( २ ) शब्दावली, (३) बालविनय, ( ४ ) बालोद्यान संगीत, (५) सावित्रीनाटक, (६) कथाविधि ( ७ ) पाठावली, (८) सुबोधकन्या, ( 8 ) पत्रकौमुदी, (१०) गणितभूषण, (११) गृहप्रबंध । नाम - ( २४१८ ) परमेश्वरीदास कायस्थ, ग्रंथ — दस्तूरसागर । 1 विवरण -- यह लीलावती का छंदोबद्ध अनुवाद है नाम – ( २४१९ ) विंध्येश्वरी तिवारी, सहगौरा, जिला गोरखपुर । ग्रंथ - मिथिलेशकुमारी नाटक । जन्मकाल - १६१४ । बाँदा ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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