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मिश्रबंधु-विनोद
नाम-(१३४२ ) आनंदबिहारी । अंथ–स्फुट छंद। नाम-(१३४३) ओंकार, मुक़ाम अष्टा (मालवा ), भट्ट
ज्योतिषी। ग्रंथ-भूगोलसार (पृ० ७४ गद्य )। [द्वि० ० रि०] विवरण-भूपाल के पोलिटिकल एजेंट करनल विलकिनसन की
आज्ञानुसार रचा। नाम-(१३४४) ओरीलाल कायस्थ, अलीपुर, जिला
प्रतापगढ़। ग्रंथ-शैवी निधि, शिवशाक्त । नाम-(१३४५) औघड़ । देखो नं० २०२४ । ग्रंथ-तुरंगविलास । विवरण-काशी-नरेश की आज्ञा से ग्रंथ बना। नाम-(१३४५) औसेरी। ग्रंथ-स्फुट रचना। नाम-(१३४५) अंगदप्रसाद । ग्रंथ-स्फुट कविता। उदाहरण
राम नाम लीन्हो नाहिं दान कछु दीनो नाहि, ' संतन को चीन्हो नाहिं माया के गुमान में ; कूप जिन खोदे नाहिं वृक्ष जिन रोपे नाहि,
विप्रन जिमाय रहे तापै अतिमान में । ऋषि-ऋण, देव-ऋण, पितृ-ऋण, तोरे नाहि,
बीत गई वय सबै स्वार्थ के सयान में ; अंगदप्रसाद कहे ईश्वर के ध्यान बिना,
पैहे मुख मेरो सो कलम कह कान में ।