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परिवर्तन-प्रकरण
ग्रंथ-वैद्यकल्प । जन्मकाल-१८६७ । कविताकाल-१२५ । मृत्यु १६४६ । नाम-(२१५२) नारायणदास भाट । ग्रंथ-ऊधवव्रजगमनचरित्र । [ द्वि० त्रै० रि० ] कविताकाल-१९२५ । विवरण-बनारस । नाम- (२१५२ ) आदितराम ।
यह काठियावाड़ के देशांतर्गत 'नवानगर'-शहर के निवासी.. प्रश्नोरा ब्राह्मण थे । इन्होंने "संगीत्यादित" नामक बहुत अच्छा ग्रंथ बनाया है । इनका स्वर्गवास सं० १९४५ में हुआ।
कवित्त यह जगजाल माँहि मगन रहो हों ताहि,
देके सतसंग भक्त जन भाव कीजिए, मन की ए वासना विनासना करामो कछु,
होऊँ यह सुमति कुमति मति छीजिए। कहत 'अदितराम' सुनो यह मेरी पास,
छोरि जग पास खास दासपद दीजिए; एहो ब्रजनाथ मोहिं कीजिए सनाथ भव,
पाथ साथ हॉथ गहि, नाथ गहि लीजिए। नाम-(२१५२ ) गुलाबसिंह धाऊजी।
भरतपूर के रहनेवाले जाति के गूजर थे। यह संवत् १८७८ में जन्मे और संवत् ११४५ में स्वर्गवासी हुए। ये भरतपुर के महा. राजा जसवंतसिंह के धाभाई होने से भरतपूर राज्य के बड़े उमराव थे। उनके बनाए ग्रंथों के नाम -प्रेमसतसई सात सौ दोहा में