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________________ परिवर्तन-प्रकरण ग्रंथ-(१.) हित शिक्षासार, (२) स्फुट पद । : रचनाकाल-१११०। विवरण- राधावल्लभीय संप्रदायाचार्य । नाम-(२०३९) मंगलदास कायस्थ, पैंतेपुर जि० बाराबंकी। ग्रंथ-(१) ज्ञानतरंग, (२) विजय-चंद्रिका, (३) कृष्ण प्रिया, (४) सहस्रसाखी। जन्मकाल-१८ कविताकाल-१६०० । मृत्यु १६६४ । विवरण-ये ठाकुर महेश्वरबख्श ताल्लुकेदार रामपुर मथुरा के यहाँ थे। इन्होंने छोटे-बड़े ४८ ग्रंथ निर्मित किए थे। साधारण श्रेणी। नाम-(२०४०) रसाल, बिलग्राम हरदोई। ग्रंथ-(.) बरवै अलंकार, (२) नखशिस्त्र, (३) बारह मासा । (१८८६) अन्मकाल-१८८० । कविताकाल-१९१० । विवरण-साधारण श्रेणी । नाम-(२०४° ) रसिकसुंदर कायस्थ, जयपूर । नाम-(२०४१ ) रामप्रसाद अगरवाल, मिर्जापूर । ग्रंथ-(1) धर्मतत्वसार, (२) चौंतीस प्रहरी, (३) श्रीभक्त रसचौंतीसी। कविताकाल---१६१०। नाम-(२०४१ ) लालवल्लभजी। ग्रंथ-स्फुट पद। रचनाकाल-१९१० ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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