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________________ परिवर्तन-प्रकरण विवरण-ये महाशय प्रसिद्ध कवि कुलपति मिश्र के वंशजथे। कविता साधारण श्रेणी की है। नाम-(१९६५) जवाहिरसिंह कायस्थ, पन्ना । इनका ठीक ' - नं० (८३५) है। ग्रंथ-वैद्यप्रिया। कविताकाल-१६००। विदरण-महाराजा मानसिंह के समय में थे। नाम-(१९६६) दीनानाथ अध्वर्यु, मोहार । ग्रंथ----ब्रह्मोत्तरखंड भाषा। जन्मकाल-१८७६ । कविताकाल-१९००। नाम-( १९६७ ) दुलीचंद, जयपूर । ग्रंथ-महाभारत भाषा। कविताकाल-११०० के लगभग। विवरण-महाराज रामसिंह जयपूर-नरेश की आज्ञा से बनाया था। नाम- (१६६७) चतुर्भुज मिश्र । विवरण-भरतपुर-निवासी ने भरतपुर के महाराजा बलवंतसिंहजी की आज्ञानुसार सं० १८१६ में संस्कृत ग्रंथ कुवलयानंद का हिंदी-कविता में भाषांतर किया है, जिसका नाम "अलंकार आभा" रक्खा है। उसके दोहासंवत रस निधि वसु शशी, शिशिर मकरगत भानु । माघ असित तिथि पंचमी, सुरु गुरु समे प्रमान ॥ १ ॥ मैन पठ्यौ भाषा विशद, पै ढिठौन चितवानि । भूप सुमस अरु बालहित, लखि बरन्यो रसमानि ॥२॥ नाम-(१९६८ ) नंदकुमार कायस्थ, बादा।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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