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________________ मिश्रबंधु विनोद चितामणि [ प्र० ०रि० ], (३) दफ़्तरमोदतरंग | - १८६६ के पूर्व । विवरण- घोरवाई उरछा राज्य । आप दसिया में भी थे । १०७६ कविताकाल - १ नाम - (१९१३ ) रसानंद भट्ट । ग्रंथ - संग्रामरत्नाकर || द्वि० त्रै०रि० ] ( रसानंदघन १८८५) । कविताकाल – १८६६ । विवरण - भरतपुर- नरेश महाराजा बलवंतसिंह की श्राज्ञानुसार रचा। - ( १९१४ ) आशुतोष । नाम कविताकाल - १६०० के पूर्व । विवरण - इनके पद रागसागरोद्भव में हैं । नाम–( १६१४ ) उद्धव उपनाम औघड़ । १ ग्रंथ - ( १ ) कर्णजक्तमणि, (२) कुकविकुठार । कविताकाल - १६०० के पूर्व । विवरण - लखतर काठियावाड़वासी प्रौदीच्य ब्राह्मण थे । नाम - (१९१५) कमलाकर । कविताकाल - १३०० के पूर्व । विवरण - इनके पद रागसागरोद्भव में हैं । नाम - ( १९१६ ) करतालिया । कविताकाल - १६०० के पूर्व । विवरण - इनके पद रागसागरोद्भव में हैं 1 नाम- - ( १९१७ ) करुणानिधान । कविताकाल – १६०० के पूर्व । विवरण - इनके पद रागसागरोद्भव में हैं । नाम - (१९१८) कल्यान स्वामी राधावल्लभी । ग्रंथ - स्फुट पद ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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