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________________ परिवर्तन-प्रकरण १०६० रचनाकाल-१८६१ । विवरण-मधुसूदनदास-श्रेणी। । नाम-( १८३१) भावन पाठक, मौरावा, जिला उन्नाव। ग्रंथ-काव्यशिरोमणि या ( काव्यकल्पद्रुम)। रचनाकाल--१८११ । विवरण-साधारण श्रेणी। नाम-(८३१) अजबेस भाट (द्वितीय)। ग्रंथ-बघेलवंशवर्णन । (१८९२) कविताकाल-१८१२ । [खोज १६..] विवरण-महाराजा विश्वनाथसिंह बांधव-नरेश के यहाँ थे। तोष श्रेणी। नाम-(१८३१) पं० कृष्णदत्त पांडेय । ग्रंथ-कृष्णपद्यावली, भारत का ग़दर । जन्मकाल-१८६२ । मृत्यु काल १६१६ । रचनाकाल-१८१२। विवरण-आपका जन्म भोजपुरं ग्राम में हुआ था। आपके दोनों ग्रंथ जलकर नष्ट हो गए हैं। आप बड़े शिवभक्त थे। उदाहरण लंबोदर की मातु के पति जो भंजनहार ; ' कर जोरे तेहि विनय करूँ जिनने मारा मार । कलि के कराल वर व्याल सम दुःखहू से, नेकह न तन मन • मेरो घबरात है; पुन्य पाठ तजि के पढ़ाय पाठ पापहू को, व्याल सम कलि मेरो घातक अपार है। मेरो मन तन अपनाय यह कलि नीच, बड़ों से छोड़ाय साथ नीचहूँ ते बायो है,
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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