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________________ ( ३२ ) और चाणक्य ने पंजाब की ओर ध्यान दिया । सिकन्दर पंजाब से वापस जा चुका था ; पर उसने अपने जीते हुए राज्यों में गवर्नर रख छोड़े थे। चन्द्रगुप्त ने ग्रीक गवर्नरों को मार डाला अथवा देश से बाहर कर दिया । उसने ग्रीक विजय के सम्पूर्ण चिह्नों तक को पंजाब से मिटा दिया । चाणक्य उधर का ही रहने वाला था । वह तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य भी रह चुका था । उसके प्रयत्न से ग्रीक विजय के संस्मरण भी नष्ट हो गए । यही कारण है कि ग्रीक विजय के साहित्यिक प्रमाण भी नहीं मिलते। महान भारत नन्द साम्राज्य को नष्ट कर, ग्रीक्र विजय के सम्पूर्ण चिन्हों तक को समाप्त कर चाणक्य और चन्द्रगुप्त अपने मुख्य राजनीतिक उद्देश्य की ओर फिरे । वह मुख्य राजनीतिक उद्द ेश्य था सम्पूर्ण भारतवर्ष को एक सबल राष्ट्र के रूप में परिणत कर देना । इसके लिये उन्होंने सम्पूर्ण भारतवर्ष का दिग्विजय किया । कुछ इतिहासकारों का कहना है कि उसने सम्पूर्ण भारत को रौंद डाला । छोटे छोटे राज्यों को जीत कर मगध साम्राज्य में मिला लिया । चन्द्रगुप्त की तलवार अभी रुकी नहीं थी कि सिकन्दर का उत्तराधिकारी सेल्यूकस ने सिकन्दर के जीते प्रदेशों को पुनः वापस लेने की गरज से भारत पर हमला किया । पर इस समय भारतवर्ष छोटे-छोटे टुकड़ों में विभक्त और असंगठित नहीं था । सम्पूर्ण भारतीय राजनीति का सूत्र संचालक सतत जागरूक कूटनीतिज्ञ चाणक्य था । भारतीय भूमि और नीतिकी रक्षा सिंहपराक्रम चन्द्रगुप्त की तलवार करती थी । देश की पश्चिमोत्तर सीमा अच्छी तरह सुरक्षित थी । श्रतः चन्द्रगुप्त की सेना ने आगे बढ़कर सेल्यूकस को रोक दिया । युद्ध हुआ । पर इस बार ग्रीकों को जिस सेना से पाला पड़ा, वह पहले से एकदम भिन्न थी । चन्द्रगुप्त के अभ्यस्त लड़ाके सैनिकों ने सेल्यूकस को बुरी तरह परास्त कर दिया । सन्धि हुई । सेल्यूकस को अपने और चार प्रान्त
SR No.032629
Book TitleMagadh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBaijnath Sinh
PublisherJain Sanskruti Sanshodhan Mandal
Publication Year1954
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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