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Paddddreddedeesseddress परमोपकारी महापुरुषों की जयंतिः
-0क वर्तमान भारत में जैन धर्म के स्तम्भ रूप प्रायः तीन जातिएं
कहलाई जाती हैं श्रीमाल पोरवाल और ओसवाल जिसमें श्रीमाल पोरवाल के आद्य संस्थापक तो आचार्य श्री स्वयंप्रभसरीश्वरजी महा
राज हैं आपके स्वर्गवास का दिन चैत्र शुक्ला १ है तथा ओसवाल नजाति के संस्थापक आचार्य श्री रत्नप्रभसूरीश्वरजी महाराज साहिब में हैं आप श्री का स्वर्गवास वीर संवत ८४ माघ शुक्ला पूर्णिमा के दिन ।
सिद्धगिरि तीर्थ पर हुआ था । अतएव श्रीमाल पोरवाल ओसवाल एवं + जैन समाज का ख़ास कर्तव्य है कि वे चैत्र शुक्ला १ को आचार्य स्वयंप्रभसूरि की एवं माघ शुक्ल पूर्णिमा को आचार्य रत्नप्रभसूरि की
बड़ी ही धूम धाम से जयन्ती मना कर कृतार्थ बने । आप श्रीमानों कके जीवन चरित्र का एक सुन्दर लेक्चर मुनि श्रीज्ञानसुन्दरजी महा
राज से हमने तैयार करवा कर पुस्तकाकार छपवा भी दिया है जो के पोस्ट चार्ज के दो आना आने पर पाठफार्म की पुस्तक भेट दी जाती
है। अतः पुस्तक मंगवा कर अवश्य जयन्ति मनाइये । पुस्तक मिलने का पता
श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला
. मुः पो० फलौदी (मारवाड़) SEPTETTPTTTTTTTTTra