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________________ नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा / 314 संदर्भ - देखिए - एथिक्स (अंग्रेजी भाषांतर 1924) जैसा कि सेमुअल अलेक्जेण्डर के ग्रंथ 'नैतिक-व्यवस्था और प्रगति' में है। (1) द्वितीयस्तरीय द्वेष (मात्सर्य, प्रतिकार, शंकालुता) (2) द्वितीयस्तरीय शारीरिक - प्रवर्त्तक (दब्बूपन, कामुकता) (3) प्रथमस्तरीय शारीरिक- प्रवर्त्तकक - ( क्षुधा ) (4) प्रथमस्तरीय पाशविक - प्रवर्तक ( सहजक्रिया और आराम) (5) लो ( क्षुधा का द्वितीयस्तरीय विकार) 1. 2. 3. (6) द्वितीयस्तरीय राग (भावुकता, सभी भावों की आसक्ति) (7) प्रथमस्तरीय द्वेष (विशेष, क्रोध और भय ) (8) द्वितीयस्तरीय पाशविक - प्रवर्त्तक (मद, शक्ति - प्रेम ) (9) द्वितीयस्तरीय स्थायीभाव (आत्म-सुधार, सौंदर्योपासना और धर्म-निष्ठा) ( 10 ) कौतूहल और विस्मय के प्रथमस्तरीय स्थायीभाव (11) वात्सल्य और समाज- प्रेम के प्रथमस्तरीय राग ( 12 ) करुणा का प्रथमस्तरीय राग ( 13 ) श्रद्धा का प्रथमस्तरीय राग विशेष रूप से देखें- साइकोलाजिए वन इम्प्राइजन स्टेण्ड पुके 4. (1874) 5. साइकोलाजीसिक इथिस्के (1923) 6. सिस्टेम डर वरथेरिक (1807-1897) 7. अधिक विस्तृत विवेचना के लिए देखिए - होवर्ड ओ एटन दी आस्ट्रे फिलासफी ऑफ वेल्यूस 1930 तथा मूल्यों के सामान्य सिद्धांत के लिए अंग्रेजी में देखिए अरबन का ग्रंथ मूल्यांकन की प्रकृति एवं नियम । 9. फिलासफी ऑफ प्रेक्टीकल इकानामिक्स एण्ड एथिक्स (1908) 10. उदाहरण के लिए देखें - दी इन्फ्ल्यून्स ऑफ डारविन आन फिल एण्ड अदर ऐसेज (1910) क्रिटिकल थ्योरी ऑफ एथिक्स (1894) रिकन्स्ट्रक्शन ऑफ फिलासफी (1920) ह्यूमन नेचर एण्ड कण्डक्ट (1922)
SR No.032622
Book TitleNitishastra Ke Iitihas Ki Ruprekha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHenri Sizvik
PublisherPrachya Vidyapeeth
Publication Year2017
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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