________________
२४ दिन बाकी है। मिलेनियम किस बात का ? जो १४००, २००० वर्ष से हुए है, वे कभी न कभी खतम होंगे । जो आदिनाथ की परंपरा है, वह न पैदा हुई है, न नष्ट होगी ।
जो आत्मा के अमृतत्व में विश्वास करता है, वह हिन्दु है । जो एक बार गल जाता है, फिर खड़ा नहीं होता है, वह अहिन्दु है। "अधो गच्छन्ति तामसाः ।'
- श्री कृष्ण मोक्ष मार्ग उपर जाता है, नीचे नहीं । यह निर्विकल्प सत्य है कि हम अविच्छिन्न धारा के संतान है ।
पहले यह निश्चित करो : हम इन्डीअन है कि भारतीय ? अगर भारतीय है तो भारत शब्द कहां से आया ? भारती मतलब निर्मल प्रज्ञा । विज्ञान अन्य से मिल सकता है, निर्मल प्रज्ञा नहीं मिल सकती,
यह है भारती जिस की उतारे हम आरति ।।
भारती, लक्ष्मी, भैरव, क्षेत्रपाल, कुंकुम, अक्षत, माला, चैत्य, देवालय, गुरु, भगवान, गंधर्व, स्वर्ग, विद्याधर, कैवल्य, निर्वाण, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष सभी यहां जैनों में और वहां (हिन्दु संस्कृति में) भी है।
यह पूरी कल्पना केवल आदिनाथ के संतानों में हो सकती है, वहां नहीं । फुटे हुए ढोल में ऐसी ध्वनि पैदा नहीं हो सकती ।
जमीन, राज्य, सीटें, धन, बांटा जा सकता है, चेतना व धर्म बांटा नहीं जा सकता, यह अखंड है । .
ओंकारं. श्लोक का कोपी राईट हो सकता है क्या ? तिलक, माला, पीतांबर, चोटी (दोनों की कट गई) सब दोनों में समान है । सतीत्व, संयम, ब्रह्मचर्य, इस्लाम में नहीं हो सकता, यहीं हो सकता है ।
कुंभणदास और तुलसीदास ने अकबर के यहां आने के लिए मना कर दिया था । यही आर्य संस्कृति की बुनियाद है । धोती, कपड़ा, साड़ी, सौभाग्य, सिन्दूर, मंगलसूत्र, भाषा, संस्कृत, प्राकृत,
ओंकार - इसमें कहां फरक है ? (कहे कलापूर्णसूरि - ४6606oowa000000000000 २५५)