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________________ सबके हैं । सभी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं । पूज्यश्री के चरण पड़ते ही वातावरण ही बदल जाता है । ऐसा मैंने सर्वत्र देखा है । * वेरावल के ललितभाई मेहता जीवदया के अत्यधिक प्रवृत्तिशील कार्यकर्ता हैं, इसीलिए राज्यसभा में उनका चयन हुआ है । वे यहां आये हैं । * बीस वर्ष पूर्व मैं लोकसभा में चुना गया तब पूज्यश्री ने मुझे कहा था - 'रजनीश कच्छ में न आये उसके लिए आपको कार्य करना है । इसीलिए आपका चुनाव हआ है, यही मानें । क्या आप ऐसा मानेंगे ? पूज्यश्री के आशीर्वाद से हम अंधेरे में पत्थर फेंकते तो भी निशान पर जाकर गिरते थे । हम सब जानते हैं कि रजनीश का कच्छ में आगमन बंध रहा । रजनीश के साहित्यप्रचारकों को विशेष कहना है कि उसमें भारतीय संस्कृति को हानि पहुंचाने वाली ही बाते हैं । अतः उसका प्रचार हमें नहीं करना पूज्यश्री - जीवदया के कार्य हेतु मांस-निर्यात-निषेध के कार्यों में हमारे आशीर्वाद ही होते हैं । * फलोदी में आगामी चातुर्मास हेतु विनती । पूज्यश्री - बीस वर्ष पूर्व हमने फलोदी के बाद पालीताना में चातुर्मास किया था । इस समय पालीताना के बाद फलोदी में चातुर्मास करने का विचार है । घोषणा-आज सायं इस चातुर्मास के मुख्य दाता तथा मुंबई से संघ लानेवाले मनफरा निवासी श्रीमती लक्ष्मीबेन प्रेमजी भचु गडा परिवार (जोगेश्वरी, मुंबई) का सम्मान होगा । भजन एवं भोजन भोजन नीरस तो भजन सरस । भोजन सरस तो भजन नीरस । ३३८Boooooooooooooooooom को
SR No.032618
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 02 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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