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લકી કાલ
५८] देवेन्द्रसूरि
धनपाल
घनपाल
नयचन्द्रसूरि
पद्मनाभ
पूर्णकलश गणि
बालचन्द्र
चन्द्रप्रभचरित
अंबाला, १९३० चतुर्विशतिजिनस्तुति-टीका
Bombay, 1926 सत्यपुरमंडनमहावीरोत्साह (जैन साहित्य संशोधक, ख. ३. अ. ३. मां भुद्रित),
અમદાવાદ, વી. સં. ૨૪૫૩ हम्मीरमहाकाव्य
મુંબઈ, ૧૮૭૯ कान्हडदे-प्रबंध
અમદાવાદ, ૧૯૨૬ प्राकृत-द्वयाश्रय-वृत्ति
Poona, 1936 वसन्तविलास
Baroda, 1917 कर्णसुन्दरी
Bombay, 1932 -विक्रमादेवचरित
__ वाराणसी, १८५८-६४ नर्मदासुन्दरीकथा
અમદાવાદ, ૧૯૧૯ नागपंचमीकहा
મુંબઈ, ૧૯૪૯ शान्तिनाथचरित (जिनरत्नकोश, पृ. ३७९) गुर्वावली, वाराणसी, १९०५ मुद्रितकुमुदचन्द्रप्रकरण
काशी, वी. सं. २१३२ -राजीमतीप्रबोधनाटक (जिनरत्नकोश, पृ. ३३१)
बिल्हण
महेन्द्रसूरि
महेश्वरसूरि
मुनिदेव
मुनिसुन्दरसूरि यशश्चन्द्र