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४] પ્રાચીન ભોગેલિક ઉલ્લેખ ४०. स्कन्दपुराण, ७-१-३३-५३, ५४ वगेरे ३१. मत्स्यपुराण, ११४-५०;ब्रह्माण्डपुराण, १-२-१६ -६२; वायुपुराण, १-४५-१३० ३२. मार्कण्डेयपुराण, ५४-६१ 33. वामनपुराण, १३-५२ ३४. काव्यमीमांसा, पृ. ९४ ३५. आवश्यकचूर्णि, उत्तरभाग, पृ. ६१; द्वयाश्रय काव्य, ६-५१ ('नदी') ३६. प्रबन्धचिन्तामणि, पृ. ८७ ३७. विविधतीर्थकल्प, पृ. ८५,२. ३८. D. C. Sircar, Select Inscriptions, p. 327 ३४. पाणिनि, अष्टाध्यायी-व्याकरण, गणपाठ, ४-२-९७
सिद्धांतकौमुदी, (तद्धितेषु शशिकाः ४-२-९७), पृ. २५० ४१. भुमी मा पूर्व पृ. २९८. ४२. महाभारत, आरण्यकपर्व, २१२-२२ ४३. ५. ., . १५६
४४. महाभारत, भीष्मपर्व, १०-२० ४५. मत्स्यपुराण, ११४-२३; वायुपुराण, १-४५-९७ ४६. मार्कण्डेयपुराण, ५४-१९; ब्रह्मपुराण, २५-२८; वामनपुराण १३-२४; ब्रह्माण्डपुराण, १-२-१६-२८
४७. पु. गु., ५. १५६ ४८. स्कन्दपुराण, ५-३-५-६ ४६. रामायण, किष्किन्धाकाण्ड, ३९-२० ५०. काव्यमीमांसा, पृ. ९४ ५ १. प्रबन्धकोश, पृ. १०७ ५२. महाभारत, भीष्मपर्व (कुम्भकोनम् आवृत्ति), ९-३१; पद्मपुराण, ३-६-२६ ५३. महाभारत, भीष्मपर्व, १०-३० ५४. वामनपुराण, १-४५-९७; ब्रह्माण्डपुराण, १-२-१६-२८ ५५. मत्स्यपुराण, ११४-२३; वायुपुराण, १३-२४ ५६. मार्कण्डेयपुराण, ५४-१९ ५ ७. ब्रह्मपुराण, २५-२८ ५८. D. C. Sircar, op. cit., p. 161 ५. २. मा. अ., ५. १०१ ५८. पुरातनप्रबंधसंग्रह, पृ. ४९ १०. मत्स्यपुराण, ११४-२७, कूर्मपुराण, १-४७-३४; वायुपुराण, १-४६-१०२; ब्रह्माण्डपुराण १-२-१६-३२; मार्कण्डेयपुराण, ५४-२४ ११. पु. १., पृ. ७८
१२. D. C. Sircar, op., cit., p. 161 .. १३. काव्यमीमांसा, पृ. ९४ १४. महाभारत, भीष्मपर्व, १०-१५; १०-१९