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संदर्भ ग्रन्थ
अभिधान राजेन्द्र कोश, खण्ड-५, पृ. ८७६
जैन सिद्धान्त बोल-संग्रह, भाग-३, पृ. १८२
बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन, भाग १, पृ. ४८० अभिधम्मत्वसंगहो, १०/१९-२०
1.
2.
3.
4.
5.
मनुस्मृति, १२/५/७
6. तत्त्वार्थसूत्र, ६/४
7.
8.
स्थानांग टीका, १/११-१२
9.
जैन धर्म, पृ. ८४
10. समयसार नाटक उत्थानिका, २८
11. भगवतीसूत्र, ७/१०/१२१
12. स्थानांगसूत्र, ९
13. अभिधम्मत्वसंग्रही, चैतसिक विभाग
14. गीता, १८ / १७
योगशास्त्र, ४/१०७
15. धम्मपद, २४९
16. सूत्रकृतांग, ३/६/२७-४२
17. जैन धर्म, पृ. १६०
18. दर्शन और चिन्तन, खण्ड - २, पृ. २२६
19. सूत्रकृतांग, २/६/२७-४२
20. सूत्रकृतांग, १/१/२४-२९
21. देखिए - अठारह पाप स्थान, प्रतिक्रमण सूत्र
22. अनुयोगद्वारसूत्र, १२९
23. दशवैकालिक, ४/९
24. सूत्रकृतांग, २/२/४, पृ. १०४
25. दशवैकालिक, ६/११
26. सुत्तनिपात, ३७/२७
27. धम्मपद, १२९, १३१, १३२ 28. गीता, ६ / ३०
29. महाभारत शांति पर्व, २५८ / २१
30. महाभारत अनुशासन पर्व, ११३/६/१० 31. महाभारत अनुशासन पर्व, ११३/६-१०
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जैन, बौद्ध और गीता में कर्म सिद्धान्त