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________________ 114 116 118 120 122 124 126 128 130 132 134 1v, a मनातलगाऊ गा दिवVES पाण्ड विशाखामि dmst 20 तिर्मिताशा रह या गिरस वाटत वामाद्यदिन भारतात agad सांगावयात प्रमादित शाखा आणित्याग काय वाटा पानि कम 112 कानी मानता मग वाद्यवाशिवाय समुपायविंद मादरेश यरको धुमशानामिन्निदमेकमा काम विनियमाव सिंगा वाशानामपि शयाम शाखा द्यावयाम कम दशदिगो गाडिया शितादतिविषयमिद नायक अशा खाद्य निति के मक मात्रामा सदाननयमित समानाय संप्रपामा पोनाटा मा विद्यासद्वयमतिवा डाउँदा वाली दाव घाडोटियाइतामनुष्टयम व सिमालाकुलत गृद्गृदानखलखलखतलाद्या गावाटिका शाक मुतिपलिकाका ताजिविनिपाद्यतामवापकपदसदिदि समस कर दंडा दिशा दायादारोमद्वारा डाकोदितिममकाले यान पयाला? कि वह शासनादक निवासिपर्धकलजनपदिवानामान कर दिराणादिकमा हाशिवाय वासीमानामा सानाविनोदाश्री वर्मा : जलनी सामाि समदिन ना स 114 116 118 120 122 124 126 128 130 132 134
SR No.032586
Book TitleEpigraphia Indica Vol 32
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD C Sircar, B Ch Chhabra,
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1957
Total Pages512
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size33 MB
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